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बजट 2019 के बाद होम लोन पर बचा सकेंगे 7.24 लाख रुपये, लेकिन नहीं मिलेगा पूरा फायदा

locationनई दिल्लीPublished: Jul 07, 2019 01:12:37 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

बजट 2019 में अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन पर 1.5 लाख रुपये की छूट का ऐलान।
1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक 45 लाख रुपये तक होम लोन पर 3.5 लाख रुपये की टैक्स छूट।

Home Loan

बजट 2019 के बाद होम लोन पर बचा सकेंगे 7.24 लाख रुपये, लेकिन नहीं मिलेगा पूरा फायदा

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) के बहीखाते में मीडिल क्लास के लिए कुछ खास नहीं मिला। हालांकि, उन्हाेंने अपने बजट भाषण में गांव, गरीब और किसान का जिक्र जरूर किया। इसी दौरान उन्होंने होम लोन ( home loan ) के ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन ( Additonal Tax Deduction ) का ऐलान भी किया। निर्मला सीतारमण की घोषणा के तहत यदि आप 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक 45 लाख रुपये तक के घर के लिए होम लोन लेते हैं तो इसके ब्याज पेमेंट पर आप कुल 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

इसके पहले इनकम टैक्स एक्ट ( Income Tax Act ) के सेक्शन 24B के तहत होम लोन के ब्याज पेमेंट पर कुल 2 लाख रुपये की छूट मिलती थी। नई घोषणा के बाद 1.5 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन इनकम टैक्स एक्ट 80EEA के तहत आयेगा। होम लोन के मूल रकम के रूप में आपके द्वारा चुकाई गई रकम पर डिडक्शन सेक्शन 80C के तहत आता है, जो 1.5 लाख रुपये तक रहता है।

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45 लाख रुपये के घर में नहीं खपेगी डिडक्शन की पूरी लिमिट

आमतौर पर जब आप घर खरीदने के लिए लोन लेते हैं तो इसका ब्याज आपके वित्तीय हालत पर भारी पड़ता है, क्योंकि आपकी EMI का एक बड़ा हिस्सा ब्याज में जाता है। ऐसे में निर्मला सीतारमण की इस घोषणा से आप खुश तो हो सकते हैं, लेकिन कुछ सीमाएं भी हैं। इसमें कुछ ऐसा पेंच है जिसकी वजह से होम लोन लेने पर आपको रिवाइज्ड डिडक्शन लिमिट का पूरा लाभ नहीं मिल पायेगा। नए रिवाइज्ड डिडक्शन की अधिकतम सीमा 45 लाख रुपये तक के घर में नहीं खपेगी। इसकी अधिकतम सीमा के लिए आपके प्राॅपर्टी की कुल कीमत 45 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिये। लेकिन, बजट में हुए घोषणा के मुताबिक, 45 लाख रुपये तक की ही प्राॅपर्टी के लिए लोन पर 3.5 लाख रुपये के डिडक्शन का फायदा मिलेगा।

साल-दर-साल कितना देना होगा ब्याज

एक उदाहरण की मदद से हम आपको समझाते हैं। मान लीजिए की 45 लाख रुपये के होम लोन के लिए वैल्यू-टू-रेशियो 90 फीसदी का है। ऐसे में आपको 40.5 लाख रुपये का लोन मिला। इसपर यदि आपको 8.7 फीसदी सालाना ब्याज देना है और अविध 15 साल की है ताे आपको पहले साल चुकाये जाना वाला ब्याज 3.45 लाख रुपये का होगा। इसी प्रकार दूसरे साल में 3.34 लाख रुपये, तीसरे साल में 3.20 लाख रुपये, चाैथे साल में 3.06 लाख रुपये, पांचवे साल में 2.90 लाख रुपये, छठे साल में 2.72 लाख रुपये और सातवें साल में 2.53 लाख रुपये देना होगा।

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7 साल में बचा सकेंगे 7.24 लाख रुपये

इस प्रकार जब ब्याज का बोझ सबसे अधिक रहता है, तब भी 3.5 लाख रुपये की टैक्स छूट की पूरी लिमिट नहीं खप पा रही है। इसके बाद आगे जैसे-जैसे लोन की अवधि बढ़ती है, वैसे-वैसे ब्याज का बोझ कम होता जा रहा है। हालांकि, अतिरिक्त डिडक्शन होम लोन लेने वाले को लोन के अकेले पहले 7 सालों में 7.24 लाख रुपये बचाने में मदद मिलेगी। फ्लैट 30 फीसदी स्लैब में टैक्स कैलकुलेट करें तो इससे सेस से पहले 2.17 लाख रुपये की बचत होगी। 2583 रुपये महीना और 31000 रुपये सालाना की बचत होगी।

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