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नीति आयोग ने दिए संकेत, डेबिट-क्रेडिट कार्ड होंगे चलन से बाहर!

नोटबंदी के बाद देश तेजी से कैशलेस होने की तरफ बढ़ रहा है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने निकट भविष्य में एटीएम और डेबिट-क्रेडिट कार्ड का चलन बंद होने के संकेत दिए हैं।

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Santosh Trivedi

Apr 09, 2017

नोटबंदी के बाद देश तेजी से कैशलेस होने की तरफ बढ़ रहा है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने निकट भविष्य में एटीएम और डेबिट-क्रेडिट कार्ड का चलन बंद होने के संकेत दिए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रसार के कारण डिजिटल ट्रांजेक्शन मोबाइल वॉलेट्स और बायोमीट्रिक माध्यमों के जरिए ही किए जाएंगे और एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड का चलन खत्म हो जाएगा।

बायोमीट्रिक के विकल्प

तमाम लोगों के पास बैंक अकाउंट हैं और उनसे जुड़े डेबिट कार्ड के अलावा क्रेडिट कार्ड का चलन भी पिछले कुछ सालों में बढ़ा है। एटीएम की सुविधा के चलते बैंक जाने की जरूरत भी कम हो चुकी है। लेकिन डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा एटीएम के भी अब गिने-चुने ही दिन बचे हैं।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि जिस तेजी से भारत में तकनीक पांव पसार रही है। जितनी तेजी से लोग डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं और जैसे-जैसे भुगतान के लिए मोबाइल वालेट और बायोमीट्रिक के विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि बहुत जल्द डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ ही एटीएम भी गायब हो जाएंगे। कांत ने कहा कि तकनीक भारत के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा, भारत में फिजिकल बैंकिंग लगभग खत्म ही है और बैंक बेहद तेज गति से व्यापक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगले तीन से चार सालों में मोबाइल वालेट और बायोमीट्रिक मोड के जरिए डिजिटल ट्रांजेक्शन में खासी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और एटीएम बिल्कुल गायब हो जाएंगे। कांत ने कहा कि भारत देश में आने वाले निवेश पर विपरीत प्रभाव डालने वाले नियम-कानूनों को समाप्त करता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करेगा।