23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस माह के अंत तक शुरू हो सकता है बैड बैंक

एनपीए साफ होने पर ये सरकारी बैंक आसानी से आम ग्राहकों और कारोबारियों को ज्यादा लोन दे पाएंगे। लिहाजा बैंकों के कर्ज नहीं देने वाली बात खत्म हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर सरकार को बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने में भी आसानी हो जाएगी।

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Jun 29, 2021

State Bank of Sikkim recruitment 2021

State Bank of Sikkim recruitment 2021

नई दिल्ली। भारत में जल्द प्रारंभ होने वाले नेशनल असेट रि-कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड अर्थात बैड बैंक की राह कठिन होने वाली है। यह दुनिया के सबसे खराब बुरे ऋण के ढेर को कम करने में मदद तो कर सकता है, लेकिन इसके लिए उसे लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक बैड बैंक कार्य शुरू कर देगा। वक्त के साथ इसे करीब दो हजार अरब रुपए अर्थात् 27 बिलियन डलर के दबाव ऋण को संभालना होगा।

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री आज ईडी के सामने हो सकते हैं पेश, जबरन वसूली का है आरोप

यह भारत के गैर-निष्पादित ऋण भार का लगभग एक चौथाई होगा। शुरूआत में केन्द्र सरकार बैड बैंक में पैसा लगाएगी। एनपीए साफ होने पर ये सरकारी बैंक आसानी से आम ग्राहकों और कारोबारियों को ज्यादा लोन दे पाएंगे। लिहाजा बैंकों के कर्ज नहीं देने वाली बात खत्म हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर सरकार को बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने में भी आसानी हो जाएगी।

यह भी पढ़ें : प्राइवेट एम्प्लाईज के PF को लेकर केन्द्र सरकार का बड़ा ऐलान, जिनके पास नौकरी नहीं, उन्हें भी होगा लाभ

यह है बैड बैंक
बैड बैंक परिसंपत्ति पुनर्निमाण कंपनी होती है, जिसका काम यह होता है कि बैंकों के फंसे हुए कर्जों यानि एनपीए को नियंत्रण में लें। बैड बैंक किसी भी खराब परिसंपत्ति को अच्छी परिसंपत्ति में बदलने का कार्य करता है। अभी अमरीका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन व पुर्तगाल में बैड बैंक कार्य कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : रेड्डी लैब्स ने DRDO की कोविड दवा 2DG को बाजार में उतारा, 990 रुपये होगी कीमत

उल्लेखनीय है कि कोरोना की वजह से खराब चल रही अर्थव्यस्था को सुधारने के लिए सोमवार को देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक राहत पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में उद्योगों के लिए जहां कई तरह की सुविधाएं दी जाने की बात कही गई थी वहीं प्राइवेट सेक्टर के एम्प्लाईज के लिए भी प्रावधान किए गए थे।