
जॉब मार्केट में अनिश्चितता का माहौल है। (PC: Gemini)
पिछले कुछ महीनों में आपने छंटनी की काफी खबरें सुनी होंगी। इस दौरान कई बड़ी आईटी कंपनियों ने छंटनी की घोषणा की है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने जुलाई में 12000 लोगों की छंटनी की घोषणा की थी। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल अब तक 15,000 लोगों की छंटनी की है। इंटेल अपनी 15 से 20 फीसदी वर्कफोर्स घटा रहा है, इससे करीब 10,000 लोगों की नौकरी चली जाएगी। इसके अलावा ऑटोमोटिव और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में भी वर्कफोर्स घटाई जा रही है। भारत के जॉब मार्केट में इससे पहले ऐसे अनिश्चितता 2022 में देखने को मिली थी। यह वह समय था जब चैटजीपीटी लॉन्च हुआ था।
जॉब मार्केट में इस समय देखी जा रही अनिश्चितता के पीछे कई फैक्टर्स हैं। इनमें अमेरिकी टैरिफ का जोखिम, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और जेनेरेटिव एआई और ऑटोमेशन का विस्तार शामिल हैं। इन फैक्टर्स ने कर्मचारियों में डर पैदा कर दिया है।
भूराजनैतिक तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के चलते आई अनिश्चितता ने कॉस्ट कटिंग को बढ़ावा दिया है। वहीं, महामारी के बाद आईटी इंडस्ट्री में आए बूम में जबरदस्त हायरिंग हुई थी। इसके बाद अब वर्कफोर्स को घटाया जा रहा है। एआई का उभरना इसमें आग में घी की तरह काम कर रहा है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 में उन जॉब्स के बारे में बताया गया है, जिनमें 2030 तक बढ़ोतरी होगी। साथ ही रिपोर्ट में उन जॉब्स के बारे में भी बताया गया, जिनमें साल 2030 तक गिरावट आएगी। आइए जानते हैं।
Updated on:
25 Aug 2025 09:25 am
Published on:
21 Aug 2025 03:16 pm
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