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Budget 2022 Economic Survey : कोरोना से जंग में वैक्सीनेशन ड्राइव का असर हो या सामान्य मानसून के आसार, सर्वे में दिखे सकारात्मक संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण संसद में आज वर्ष 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया हैं। दरअसल हर वर्ष बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है। भारत का आर्थिक सर्वेक्षण भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक ऐसा सालाना दस्तावेज है, जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था से संबंधित आधिकारिक और ताजा डेटा को शामिल किया जाता है।

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Budget 2022 Economic Survey Finance Minister Nirmala Sitharaman

Budget 2022 Economic Survey Finance Minister Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। इस सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई पॉजिटिव बातें कही गई हैं। लेकिन इनमें काफी बड़ा फोकस वैक्सीनेशन ड्राइव और कोरोना से निपटने के प्रयासों पर भी दिखाया गया है। समीक्षा में कहा गया कि महामारी से आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा, यह मानते हुए ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया है। एक्सपोर्ट में ठोस वृद्धि और पूंजीगत खर्च बढ़ाने की सहूलियत से ग्रोथ को मजबूती मिलेगी। सर्वेक्षण में ये भी अनुमान लगाया गया है कि आने वाले वर्ष में मानसून सामान्य होगा, जिसका सीधा असर कृषि क्षेत्र में दिखेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है। इसमें अगले वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर में कमी आने की आशंका जाहिर की गई है। 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश की जीडीपी में 8 से 8.5% तक की बढ़ोतरी होने के आसार हैं। जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के यह विकास दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है।

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वित्त मंत्री ने कहा कि, कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां काफी बढ़ गई थीं। भारतीय अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान गति प्राप्त की है। धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रही हैं। उन्होंने कहा, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में एक साल पहले की तुलना में 8.4% की वृद्धि हुई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज दरों में से एक है। हालांकि, भारत के सांख्यिकी मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर केवल 9.2% रहने का अनुमान लगाया है। 2020 में कोविड महामारी के प्रकोप से पहले संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 6-6.5% के प्रक्षेपण के मुकाबले 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3% की कमी आई थी।


बता दें कि यह देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर का पहला इकोनॉमिक सर्वे है। उन्होंने हाल में अपना पदभार संभाला है। आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स (DEA) के इकनॉमिक डिविजन की होती है।

इस काम को मुख्य आर्थिक सलाहकार के सीधे निर्देशन में पूरा किया जाता है। बजट से पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार करना ही सीईए की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है। हालांकि इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार की नियुक्त कुछ दिनों पहले ही हुई है।

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