
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऊंचे टैरिफ के प्रभाव से निपटने के लिए भारत और चीन के बीच व्यापारिक सहयोग को लेकर नई संभावनाएं बन रही हैं। चीन ने संकेत दिया है कि वह भारत के साथ व्यापार पैकेज (ट्रेड डील) पर बातचीत के लिए तैयार है। इस तरह अमेरिका के साथ व्यापार में तनाव भारत को चीन के करीब ला सकता है। यह एक बड़ा मौका है, जब भारत अपने वैश्विक कारोबार के लिए नए विकल्पों पर काम कर सकता है।
सूत्रों के अनुसार, बीजिंग भारतीय पक्ष के साथ एक ऐसा पैकेज तैयार करने को राजी है, जो न केवल मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का समाधान करेगा, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करेगा। सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान हो सकती है। यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में होने वाला है। एक अधिकारी ने बताया कि बातचीत के एजेंडे में रेयर अर्थ मैग्नेट्स, फर्टिलाइजर्स और दवाओं के लिए कच्चे माल की सप्लाई का मुद्दा सबसे ऊपर रहेगा।
दोनों देशों के बीच संपर्क का सिलसिला शुरू हो चुका है, लेकिन चीन से अब तक रेयर अर्थ मैग्नेट्स और फर्टिलाइजर्स की सप्लाई शुरू नहीं हुई है। जबकि चीन ने अमेरिका, यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया की कंपनियों को रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई बहाल कर दी है।
बीजिंग ने पिछले तीन महीनों से भारत को यूरिया और कैल्शियम नाइट्रेट व मोनो अमोनियम फॉस्फेट जैसी स्पेशिलिटी फर्टिलाइजर्स की सप्लाई भी रोक रखी है। चीन ने अभी सिर्फ यूरिया की सप्लाई पर लगी रोक को हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए चीन में टेंडर जारी किया गया है।
Published on:
15 Aug 2025 11:13 am
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