20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ग्राहकों के साथ बैंकों के लिए भी मुसीबत बने साइबर ठग, यूआरएल कॉपी कर बना रहे वेबसाइट

यूआरएल कॉपी करके बना लेते हैं नकली वेबसाइट।बैंक व अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ठगों के लिए बेहतर टारगेट हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
ग्राहकों के साथ बैंकों के लिए भी मुसीबत बने साइबर ठग, यूआरएल कॉपी कर बना रहे वेबसाइट

ग्राहकों के साथ बैंकों के लिए भी मुसीबत बने साइबर ठग, यूआरएल कॉपी कर बना रहे वेबसाइट

नई दिल्ली । कोरोना महामारी के कारण डिजिटल पेमेंट और वर्क फ्रॉम होम में काफी तेजी आई है। इससे साइबर क्रिमिनल्स को बैंकिंग सेक्टर में सेंधमारी करने का और मौका मिला है। इसको लेकर एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने कहा है कि बैंकिंग सेक्टर में बढ़े साइबर क्राइम मामलों से रेटिंग पर बुरा असर पड़ सकता है। एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा है कि साइबर अटैक मुख्य रूप से रेपुटेशनल डैमेज और मॉनिटरी नुकसान के जरिए क्रेडिट रेटिंग्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बैंक व अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस बेहतर टारगेट हैं।

कमजोर सुरक्षा के कारण मुश्किलें-
रिपोर्ट में कहा गया है कि कमजोर सुरक्षा वाले संस्थानों पर साइबर हमलों का ज्यादा खतरा होता है। पुराने हमलों से सीखकर साइबर रिस्क फ्रेमवर्क तैयार करना मुश्किल है, क्योंकि ये हमले लगातार बदलते रहते हैं। साइबर डिफेंस के लिए बैंकों को और बेहतरीन टूल्स की जरूरत है।

बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी-
आरबीआइ के अनुसार, इंटरनेट बैंकिंग सिस्टम एक बड़े एप्लीकेशन, नेटवर्किंग डिवाइस, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और अन्य चीजों की सहायता से काम करते हैं। ये साइबर हमलावरों के लिए महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जिससे वे ठगी को अंजाम दे सकते हैं।

ऐसे लोगों को शिकार बनाते हैं ठग-
हैकर्स इन बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की वेबसाइट यूआरएल को कॉपी कर एक वैसी ही वेबसाइट तैयार करते हैं। जब ग्राहक इन वेबसाइट्स पर लॉगिन करते हैं, तो ठगों को डेटा इस्तेमाल करने का मौका मिल जाता है। क्रिमिनल लोगों के डेटा का गलत उपयोग करते हैं।