
बाइबेक पॉलिसी पर फोरम का सख्त आदेश, बिल्डर लौटाएगा दोगुना पैसा, जानिए…यह है मामला(photo-patrika)
केंद्रीय कर्मचारियों की तलाकशुदा बेटियों को भी फैमिली पेंशन का फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार ने इसके के लिए नियम बनाए हैं कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की तलाकशुदा या विधवा बेटियों को भी परिवार पेंशन का फायदा मिले। लोकसभा में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) नियम, 2021 और उसके बाद 2022 में हुए संशोधन में इसको लेकर विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।
सरकार ने साफ किया है कि अगर किसी मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनर के पीछे जीवित जीवनसाथी, पुत्र या पुत्री (जो पात्र हों) नहीं बचते, तो परिवार पेंशन अगली श्रेणी के लाभार्थियों को दी जाएगी। इनमें अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटियां शामिल हैं। इन्हें 25 वर्ष की आयु के बाद भी आजीवन परिवार पेंशन का हक होगा। यह फायदा तब तक मिलेगा जब तक वे दोबारा शादी नहीं कर लेतीं या अपनी जीविका कमाना शुरू नहीं करतीं। शर्त यह है कि वे अपने माता-पिता पर आश्रित रही हों।
यहां एक महत्वपूर्ण शर्त यह भी है कि अगर बेटी विधवा है तो उसके पति की मृत्यु सरकारी कर्मचारी/पेंशनर या उनके जीवनसाथी के जीवित रहते होनी चाहिए। इसी तरह तलाकशुदा बेटी को तभी परिवार पेंशन मिलेगी जब तलाक माता-पिता या उनमें से किसी एक की जीवित अवस्था में हो या फिर तलाक का केस अदालत में दाखिल हो चुका हो।
अकसर सवाल उठता है कि अगर बेटी का तलाक या विधवा होना माता-पिता के निधन के बाद होता है तो क्या उसे परिवार पेंशन मिलेगी? सरकार का जवाब साफ है कि ऐसे मामलों में फायदा नहीं मिलेगा। यानी तलाक या विधवा होने की स्थिति माता-पिता की जीवनावधि के दौरान ही होनी चाहिए।
यह नियम केवल केंद्रीय सिविल कर्मचारियों पर ही नहीं बल्कि रेलवे और रक्षा सेवाओं के कर्मचारियों और पेंशनरों पर भी लागू होंगे। संयुक्त कर्मचारी परिषद के महामंत्री आरके वर्मा के मुताबिक यह प्रावधान उन बेटियों के लिए राहत का बड़ा सहारा है जो किसी कारणवश अकेली रह जाती हैं और आर्थिक रूप से खुद को संभालना उनके लिए कठिन हो जाता है। फैमिली पेंशन से उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने की गारंटी मिलती है।
Updated on:
25 Aug 2025 10:32 am
Published on:
25 Aug 2025 10:30 am
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