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Gold Silver Rate: चीन की चाल या अमेरिका का कर्ज… सोने-चांदी में क्यों आ रही है धुआंधार तेजी?

Gold Silver Rate: वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, डॉलर की कमजोरी और औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी से चांदी की कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं। आपूर्ति की कमी भी कीमतों को सपोर्ट कर रही है।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Dec 27, 2025

Gold Silver Rate

सोने-चांदी की कीमतों में भारी तेजी आई है। (PC: AI)

Gold Silver Rate: अमरीकी ट्रेजरी (बॉन्ड) दशकों से दुनिया की सबसे बड़ी सुरक्षा थी। जब मार्केट गिरता था, तो अमरीकी बॉन्ड बचा लेते थे। लेकिन 2025 में यह जगह गोल्ड ने ले ली है। पहले बाजार एक ही नियम जानते थे, अर्थव्यवस्था में जब डर बढ़ता है, तो शेयर गिरते हैं। फेड जब ब्याज दरें घटाता है, तो यूएस ट्रेजरी ऊपर जाती है। यानी हर बड़े क्रैश में बॉन्ड सबसे बड़ा बचाव होता था। पर इस साल कहानी बदल गई।

अमरीका के भारी घाटे और कर्ज ने अमरीका के लॉन्ग टर्म बॉन्ड यील्ड को हाई कर दिया है। इससे लंबी अवधि के बॉन्ड अब सुरक्षा नहीं रहे। इस दौरान 10 साल वाले बॉन्ड की यील्ड भी ऊपर गई और सोना भी महंगा हुआ। अमरीकी ट्रेजरी जो कभी दुनिया का क्रैश हेलमेट थी, 2025 में टूट गई। अर्थशास्त्र कहता है कि अगर रियल बॉन्ड यील्ड बढ़ेगी तो सोना गिरेगा, क्योंकि सोना ब्याज नहीं देता। लेकिन 2025 में यह किताब फेल हो गई। सोना अभी 4500 डॉलर प्रति औंस के ऊपर है, जबकि 10 साल के यूएस बॉन्ड पर यील्ड 4% से ऊपर है। यानी निवेशक अब अमरीकी ट्रेजरी को जोखिमभरा मान रहे हैं और गोल्ड ज्यादा सुरक्षित है।

अमरीकी बॉन्ड की साख घट रही है। यही वजह है कि आरबीआई सहित दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोना खरीद रहे हैं। आरबीआई ने कहा, 'जियो-पॉलिटिकल झटकों में सोना सबसे स्थिर है और तेल सबसे जोखिमभरा, तो चांदी बीच में है। यानी गोल्ड अब सॉवरेन बॉन्ड से ज्यादा भरोसेमंद है। दुनियाभर के सेंट्रल बैंक इसे अपना कोर इंश्योरेंस मान चुके हैं।

चांदी की कीमतें इसलिए 7वें आसमान पर

चीन ने पहले रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर कंट्रोल लगाया, ताकि ट्रेड के लिए भारत-अमरीका जैसे देशों से मोलभाव कर सके। अब उसने चांदी को उसी रणनतिक टूलकिट का हिस्सा बनाया है। चीन रिफाइन सिल्वर बाजार में बड़ा हिस्सा नियंत्रित करता है। अब वह निर्यात चैनलों को रोक सिल्वर की ग्लोबल कीमतों पर और कंट्रोल चाहता है। इसलिए चीन जनवरी 2026 से यह तय करेगा कि किस देश को चांदी मिले, कितना मिले और किस रफ्तार से आपूर्ति की जाए। चीन के इस कदम से चांदी की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं।

इन वजहों से भी आ रही तेजी

  1. चांदी की इस तेजी के पीछे कई कारण हैं। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, डॉलर की कमजोरी और औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी इसे सपोर्ट कर रही है।
  2. इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने और अमरीका-वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव ने सुरक्षित निवेश विकल्पों में बदलाव ला दिया है। इन परिस्थितियों ने चांदी की मांग और कीमतों को प्रभावित किया है।
  3. चांदी की आपूर्ति में गंभीर कमी के कारण कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं। बड़े बुलियन बैंक अपनी पेपर चांदी को असली भौतिक चांदी से कवर करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

रिकॉर्ड तेजी जारी

जयपुर सर्राफा बाजार में शुक्रवार को चांदी 9600 रुपये की छलांग लगाकर 2,35,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंची। वहीं, 24 कैरेट सोने का भाव 900 रुपये बढ़कर 1,41,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसके अलावा जेवराती सोना 800 रुपये तेज होकर 1,32,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा।