
epfo interest
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सब्सक्राइबर्स के योगदान को इक्विटी में इन्वेस्ट करें या नहीं, यह तय करने का अधिकार जल्द ही ईपीएफओ के सदस्यों को मिल सकता है। इक्विटी को जोखिम वाला निवेश माना जाता है, लेकिन लंबी अवधि में रिटर्न अधिक मिलने की संभावना रहती है। ऐसे में ईपीएफओ चाहता है कि निवेश को लेकर सदस्य खुद फैसला करें।
जल्द होगा फैसला
सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक होने वाली है। इसमें ईपीएफ से जुड़े कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। वर्तमान में ईपीएफओ अपने फंड मैनेजर्स के जरिए 15 फीसदी राशि इक्विटी मार्केट यानि शेयर बाजार में स्टॉक्स में निवेश करता है।
तय है 50 फीसदी की अधिकतम लिमिट
ईपीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज मिलता है। इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईपीएफओ भी अपने सदस्यों को बेहतर रिटर्न देने के लिए इक्विटी में निवेश की सीमा को बढ़ा सकता है। केन्द्र सरकार के नियमों के अनुसार ईपीएफओ का इक्विटी में निवेश 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है।
अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद
Published on:
17 Sept 2021 11:45 am
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