फरवरी में भी जारी रही बिकवाली (FPI)
जनवरी में भारी बिकवाली के बाद फरवरी में भी विदेशी निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयरों से दूरी बनाए रखी। फरवरी 10 से 14 के बीच ही एफपीआई ने 13,930.48 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। इस तरह, फरवरी में अब तक कुल 21,272 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली हो चुकी है। इससे पहले, जनवरी में विदेशी निवेशकों ने 78,027 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार से निकाले थे।2024 के अंत में था सकारात्मक रुख
बीते साल दिसंबर में विदेशी निवेशकों (FPI) का भारतीय बाजारों में रुझान सकारात्मक था और उन्होंने 15,446 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। हालांकि, पूरे 2024 में एफपीआई की कुल शुद्ध खरीदारी घटकर केवल 427 करोड़ रुपये रह गई थी।बिकवाली के प्रमुख कारण
विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की इस आक्रामक बिकवाली के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं— अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी: अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण निवेशक अब सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।भू-राजनीतिक तनाव: वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, जैसे कि पश्चिम एशिया में तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति में सक्रिय वापसी के बाद वहां की अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। निवेशकों को उम्मीद है कि ट्रंप की नीतियों से अमेरिकी बाजारों में स्थिरता आएगी, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों से निवेश बाहर जा रहा है।
विकसित बाजारों की ओर रुझान: वैश्विक निवेशक अब उभरते बाजारों (इमर्जिंग मार्केट्स) से विकसित बाजारों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे भारत से भी पूंजी का बहिर्वाह हो रहा है।