
Gold Price in india: देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली और जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बनाए गए। हर महीने उन्हें 3,000 रुपये वेतन दिया जाने लगा। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नेहरू के मुकाबले 55 फीसदी बढ़ी यानी 1 लाख 66 हजार रुपये प्रति माह सैलरी मिल रही है। लेकिन देश में 1947 के मुकाबले महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। इस महंगाई का अंदाजा हम उस दौर से लेकर अभी तक के प्रति तोला सोने के भाव से लगा सकते हैं। वर्ष 1947 में सोने का भाव 88.62 रुपये प्रति 10 ग्राम था जबकि आज के समय गोल्ड प्रति 10 ग्राम 90 हजार के पार चला गया है। नेहरू अपनी एक माह की सैलरी में 340 ग्राम सोना खरीद पाते लेकिन पीएम मोदी आज की महंगाई के चलते 18.4 ग्राम सोना ही ले सकते हैं।
देश में पहला आम चुनाव 1952 में हुआ था। चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिलने के बाद जवाहर लाल नेहरू को सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री चुना गया था। उस समय सोना प्रति 10 ग्राम 76 रुपये था। दूसरा आम चुनाव 1957 में हुआ था। नेहरू फिर से प्रधानमंत्री बनाए गए। इस समय सोना प्रति तोला 90 रुपए था। तीसरा आम चुनाव 1962 हुआ था।
वर्ष 1962 में 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 82 से 121.65 रुपये के बीच दर्ज की गई थी। इस समय सोने की कीमत में काफी उतार—चढ़ाव देखा गया था। पीले धातु के भाव में यह अस्थिरता चीन के साथ भारत के युद्ध के कारण रही। नेहरू ने अपने 17 वर्ष के कार्यकाल के दौरान अपनी तनख्वाह में दो बार कम कम करवाई। पहले 3,000 रुपये से कम करके 2,250 रुपये और दूसरी बार कम करके 2,000 रुपये करवा दी।
नेहरू हमेशा कम से कम संसाधनों में अपना जीवन चलाने पर जोर देते थे। इस बात की तस्दीक उनके निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी पुस्तक रेमिनिसेंसेज़ ऑफ़ नेहरू एज में करते हैं। वह लिखते हैं कि उनके लिए यह सिफारिश की गई कि उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की तर्ज पर कम से कम 500 रुपए का टैक्स फ्री एंटरटेनमेंट अलाउंस तो मिलना चाहिए। नेहरू ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। मतलब नेहरू की इस ठुकराई राशि में भी आधे किलो से ज्यादा सोना खरीदा जा सकता था।
Updated on:
21 May 2025 12:53 pm
Published on:
13 Apr 2025 08:06 am
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