
Gold Vs Platinum: भारत में निवेश (Investment) की बात करें तो सबसे पहला खयाल सोने का आता है। भारतीय संस्कृति में सोने (Gold) का भावनात्मक और सामाजिक महत्व भी है, क्योंकि इसे शादी, त्योहारों और संपत्ति संचय के लिए खरीदा जाता है। गोल्ड में इन्वेस्टमेंट आर्थिक अस्थिरता और मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा के रूप में देखा जाता है। इसके कई तरीके हैं, जैसे भौतिक सोना (आभूषण, सिक्के, बार), गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), गोल्ड म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), और डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)। हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए निवेश से पहले अपनी वित्तीय जरूरतों और जोखिम सहनशीलता का आकलन करना महत्वपूर्ण है। लेकिन कई बार यह सवाल सामने आता है की क्या प्लैटिनम में निवेश गोल्ड से ज्यादा सही है। दोनों में से किस में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है। इसे सही से लिख कर दें।
भारत में निवेश के लिए सोना (गोल्ड) और प्लैटिनम दोनों ही कीमती धातुएं हैं, लेकिन इनके गुण, उपयोग, और निवेश के फायदे-नुकसान अलग-अलग हैं। यह तय करना कि इनमें से कौन सा विकल्प आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है, आपकी वित्तीय जरूरतों, जोखिम सहनशीलता, और निवेश के लक्ष्यों पर निर्भर करता है।
सोना (Gold): सोना एक पारंपरिक निवेश विकल्प है, आर्थिक अस्थिरता, मुद्रास्फीति, या भू-राजनीतिक संकट के समय सोने की मांग बढ़ती है, जिससे इसकी कीमतें आमतौर पर स्थिर या बढ़ती हैं। भारत में सोने की मांग आभूषण, निवेश, और सांस्कृतिक कारणों से हमेशा बनी रहती है।
प्लैटिनम: प्लैटिनम की कीमतें अधिक अस्थिर होती हैं, क्योंकि इसकी मांग मुख्य रूप से औद्योगिक उपयोग (जैसे ऑटोमोटिव उद्योग में कैटेलिटिक कनवर्टर) पर निर्भर करती है।
सोना: सोने ने लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को मात देने की क्षमता दिखाई है, लेकिन यह आय उत्पन्न नहीं करता (जैसे डिविडेंड या ब्याज)। इसका रिटर्न पूरी तरह से कीमतों में वृद्धि पर निर्भर करता है। भारत में, सोने की कीमतें 2024 में 26% तक बढ़ीं, जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
प्लैटिनम: प्लैटिनम की कीमतें ऐतिहासिक रूप से सोने से अधिक अस्थिर रही हैं। 2008 के वित्तीय संकट के दौरान इसकी कीमतें चरम पर थीं, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आई। हाल के वर्षों में, सोने की तुलना में प्लैटिनम सस्ता रहा है, लेकिन भविष्य में ऑटोमोटिव और हाइड्रोजन ईंधन सेल जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ने से इसमें तेजी आ सकती है।
सोना: सोने का उपयोग मुख्य रूप से आभूषण (भारत में 50% से अधिक मांग), निवेश, और केंद्रीय बैंकों के भंडार के लिए होता है। इसकी मांग वैश्विक और स्थानीय स्तर पर स्थिर रहती है।
प्लैटिनम: प्लैटिनम का 75% उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में होता है, खासकर ऑटोमोटिव और तकनीकी क्षेत्रों में। भारत में इसकी मांग आभूषणों के लिए सीमित है, और यह सोने जितना लोकप्रिय नहीं है।
भारत में, सोना आमतौर पर अधिक फायदेमंद और लोकप्रिय निवेश विकल्प है, खासकर इसकी स्थिरता, सांस्कृतिक महत्व, और उच्च लिक्विडिटी के कारण। प्लैटिनम में निवेश उन लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है जो अधिक जोखिम लेने को तैयार हैं और औद्योगिक मांग में वृद्धि की संभावना पर दांव लगाना चाहते हैं।
सोना खरीदने से पहले सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक मूल्यवान और संवेदनशील निवेश है। इसमें धोखाधड़ी और मिलावटी सोना, सोने की शुद्धता, रिसेलिंग की समस्याएं जैसे जोखिम जुड़े होते हैं।
Published on:
17 Mar 2025 09:48 am
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