7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रत्न व्यवसाय के लिए अच्छी खबर, गारनेट ब्लॉक की ई-नीलामी…टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा में अगले स्तर का एक्सप्लोरेशन

रत्न व्यवसाय में देश दुनिया में विख्यात जयपुर के लिए माइंस विभाग से एक और अच्छी खबर

2 min read
Google source verification
रत्न व्यवसाय के लिए अच्छी खबर, गारनेट ब्लॉक की ई—नीलामी जल्द...टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा में होगा अगले स्तर का एक्सप्लोरेशन

रत्न व्यवसाय के लिए अच्छी खबर, गारनेट ब्लॉक की ई—नीलामी जल्द...टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा में होगा अगले स्तर का एक्सप्लोरेशन

रत्न व्यवसाय में देश दुनिया में विख्यात जयपुर के लिए माइंस विभाग से एक और अच्छी खबर है। प्रदेश के माइंस विभाग की ओर से भीलवाड़ा के सकरिया का खेड़ा में गारनेट खनिज ब्लॉक का कंपोजिट लाइसेंस जारी करने के लिए ई-नीलामी को अंतिम रुप दिया जा रहा हैं। साथ ही, टोंक, अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट खनिज भण्डारों की उपलब्धता, गुणवत्ता और संभावित डिपोजिट के आकलन के लिए अगले स्तर का एक्सप्लोरेशन करवाया जाएगा। गौरतलब है कि गारनेट की मुख्य रुप से रत्न के रुप में पहचान है। राज्य से गारनेट का एक्सपोर्ट भी किया जाता है। गारनेट के नए डिपोजिट्स के आकलन एवं खनन से प्रदेश से गारनेट के निर्यात में बढ़ोतरी होने के साथ ही विदेशी मुद्रा का अर्जन होगा।

यह भी पढ़ें : मानसून में देरी से बढ़ेगी महंगाई, टमाटर हुआ लाल...आलू-प्याज के भी दाम चढ़े

अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट के भण्डार

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने बताया कि भीलवाड़ा के सकरिया का खेडा गारनेट ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त हो गई है। भीलवाड़ा के सकरिया का खेडा में करीब 122.27 हैक्टेयर क्षेत्र में गारनेट के भण्डार संभावित है, जिसके लिए कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी की जाएगी। प्रदेश के टोंक जिले के देवली के आसपास के क्षेत्र के साथ ही अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट के भण्डार के संकेत मिले हैं। आजादी के पहले से ही प्रदेश में गारनेट खनिज की संभावनाओं और खनन का छिटपुट कार्य होता रहा है। अब व्यापक सर्वेक्षण के आधार पर टोंक, अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट के भण्डार मिलने के बाद और एक्सप्लोरेशन कराने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि संभावित डिपोजिट का आकलन किया जा सके और इससे माइनिंग लीज के ऑक्शन में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा और बेहतर राजस्व प्राप्त हो सके।

यह भी पढ़ें : गोल्ड लोन की ईएमआई में चूक, भुगतने होंगे गंभीर नतीजे... जानिए इससे बचने के तरीके

गारनेट की रत्न के रुप में पहचान

कास्य युग से पहचान रखने वाले गारनेट की मुख्य रुप से रत्न के रुप में पहचान है। दुनिया के अधिकांश देशों में गहनों के साथ ही रत्न के रुप में गारनेट की अच्छी मांग रही है। यह पारदर्शी और अपारदर्शी दोनों ही तरह का मिलता है। पारदर्शी गारनेट की रत्न व्यवसाय क्षेत्र में उसकी गुणवत्ता और कैरट के आधार पर काफी अच्छी मांग हैं, वहीं रत्न के साथ—साथ गारनेट का अन्य उपयोग भी कास्य युग से किया जाता रहा है। इसका कांच, कठोर रबड़, लकड़ी, आदि को पीसने, घिसने, कागज, कपड़ा आदि में उपयोग के साथ ही पाउडर के रुप में लेपिंग के लिए इसका उपयोग किया जाता है। मोटे रुप में समझा जाए तो सामान्य रेजमार से लेकर रत्न कारोबारियों तक गारनेट की मांग है। इससे गारनेट का वैघ खनन, रोजगार और राजस्व की बढ़ोतरी होगी।