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Health Insurance: नौकरी जाने के बाद भी मिलेगा कॉर्पोरेट हेल्थ इनश्योरेंस का कवर?

Corporate Health Insurance: आइए जानते हैं, नौकरी छूटने या छोड़ने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह रहता है कि कंपनी की ओर से मिला हेल्थ इंश्योरेंस आगे भी वैलिड रहेगा या नहीं?

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भारत

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Devika Chatraj

Apr 07, 2025

नौकरी जाने के बाद कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) का कवरेज एक ऐसा सवाल है जो कई लोगों के मन में उठता है, खासकर तब जब वे अपने करियर में अनिश्चितता का सामना करते हैं। कॉर्पोरेट हेल्थ इनश्योरेंस (Corporate Health Insurance), जो आमतौर पर नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है, स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच होता है। लेकिन क्या यह कवरेज नौकरी छूटने के बाद भी बरकरार रहता है? यह जानना न केवल आपके अधिकारों को समझने के लिए जरूरी है, बल्कि भविष्य की योजना बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।

कर्मचारियों के पास अन्य विकल्प

नई पर्सनल पॉलिसी खरीदें: खुद का हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से कवर में कोई गैप नहीं आता। यह कॉरपोरेट पॉलिसी से महंगा जरूर हो सकता है, लेकिन लंबे समय में ज्यादा सुरक्षित रहता है।

इमरजेंसी बैकअप रखें: बेहतर यह रहेगा कि कॉरपोरेट पॉलिसी के साथ-साथ खुद की पर्सनल पॉलिसी भी रखें, ताकि छंटनी या नौकरी बदलने पर बीमा कवर में ब्रेक न आए।

पॉलिसी पोर्ट कराएं: इरडा के मुताबिक, एक ही बीमाकर्ता के साथ ग्रुप प्लान को व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा में स्विच कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है। कंपनी छोड़ने से पहले अपने एचआर या इंश्योरर से पूछें कि क्या ग्रुप इंश्योरेंस को इंडिविजुअल पॉलिसी में पोर्ट किया जा सकता है। पॉलिसी स्विच पर वेटिंग पीरियड भी ट्रांसफर हो जाती है। ग्रुप बीमा में वेटिंग पीरियड नहीं होता है।

कैसे करें स्विच?

जॉब छोड़ने से 45 दिन पहले अपने बीमाकर्ता को आवेदन दे कि आपको ग्रुप पॉलिसी से व्यक्तिगत पॉलिसी चाहिए। अगर ऐसा करना भूल जाते हैं तो आपके पास लास्ट वर्किंग डे से पांच दिन पहले तक का समय रहता है, जब आप आवेदन कर सकते हैं। आवदेन मेंअपने पसंद की पॉलिसी की मांग कर सकते हैं। आवेदन जमा करने के बाद बीमा कंपनी 15 दिनके भीतर सूचित करेगी कि आप अपनी पसंद की पॉलिसी के लिए पात्र हैं या नहीं।

क्यों जरूरी है पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस?

फ्लेक्सिबिलिटी: पर्सनल हेल्थ पॉलिसी को अपनी जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज किया जा सकता है। इसमें अपनी जरूरत के हिसाब से राइडर्स जोड़ सकते हैं।

ज्यादा कवर लिमिट: कंपनी के प्लान में लिमिटेड कवर होता है, जबकि पर्सनल प्लान में ज्यादा कवर चुन सकते हैं।

लॉन्ग टर्म सिक्योरिटी: पर्सनल हेल्थ इनश्योरेंस नौकरी पर निर्भर नहीं होता है, जिससे यह ज्यादा भरोसेमंद है।

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