12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एक यात्रा ने भाविश अग्रवाल को OLA के लिए प्रेरित किया, लाखों की नौकरी छोड़ ऐप बेस्ड कैब की शुरूआत की

इस स्टार्टअप की शुरूआत आज से दस साल पहले आईआईटी इंजीनियर भाविश अग्रवाल ने की थी। आज यह कंपनी करोड़ों की वैल्यू वाली कंपनी बन चुकी है।

2 min read
Google source verification
bhavish aggarwal

bhavish aggarwal

नई दिल्ली। आज ऐप बेस्ड (OLA) से कौन नहीं परिचित होगा। सफर को इसने काफी आसान बना दिया है। एक राइड के लिए आपको बस अपने मोबाइल एप से कैब बुक करनी होती है और आप बड़ी आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं। इस स्टार्टअप की शुरूआत आज से दस साल पहले भाविश अग्रवाल ने की थी। अपनी लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने इस कंपनी को शुरू करने की सोची थी।

ये भी पढ़ें: Ola electric scooter: 10 बातें जो आपको जाननी चाहिए

इसमें उनके दोस्त अंकित भाटी ने भी साथ दिया। जब ये सोच भाविश में दिमाग में आई तो उनके घर वालों इसका मजाक उड़ाया। आज हर कोई उन्हें सलाम कर रहा है, यह कंपनी करोड़ों की वैल्यू वाली कंपनी बन चुकी है।

कैसे सोचा ओला के बारे में

साल 2007 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के दो युवा छात्र, भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी ने बेंगलुरु से बांदीपुर की वीकेंड यात्रा के लिए एक कार किराए पर ली थी। इस दौरान ड्राइवर मैसूर में बीच में ही रुक गया और अधिक किराए की मांग करने लगा। इस दौरान दोनों ने बाकी की दूरी बस से तय की। तब उन्हें इस ऐप बेस्ड स्टार्टअप (OLA) का ख्याल आया। उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया। दोनों ने 2011 में ओला कैब्स बनाई।

ओला का अर्थ स्पेनिश में 'हैलो' शब्द जैसा है। ओला को सबसे पहले भाविश ने olatrips.com के रूप में शुरू किया था। ये पोर्टल बाहरी यात्राओं के लिए कारों और होटलों के आरक्षण में मदद करता है।

और दोस्ती बदल गई पार्टनरशिप

भाविश ने अंकित से पहले दिन आईआईटी में मुलाकात की थी। उनके कमरे एक-दूसरे के बगल में थे। युवा छात्रों ने एक साथ अपनी खुद की कंपनी खड़ी करने का सपना देखा था। उन्हें कोडिंग से लगाव था। उन्होंने फ्रीलांस कोडिंग भी की है। भाविश याद करते हैं कि उन्हें पहली परियोजना के लिए भुगतान नहीं मिला था। मगर इससे जो उन्हें हासिल हुआ वह अमूल्य था। ऐसे अनुभव मिले जिन्होंने उन्हें वास्तविक व्यवसाय के मूल सिद्धांतों को समझने में मदद की।

ये भी पढ़ें:बेडरूम से लेकर बालकनी तक कहीं भी उगाएं ये फसल, दो से तीन हफ्ते में शुरू हो जाएगी अच्छी कमाई

पहले सबने उड़ाया था मजाक

माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च में काम कर रहे भाविश ने जब नौकरी छोड़कर इस काम को शुरू किया। उस दौरान घरवालों के साथ उनके दोस्तों ने भी उनका मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरू करना एक बेकार आईडिया है। भाविश नौकरी करने की जगह सेल्फ मेड एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे। भाविश का कहना है कि जब उन्होंने शुरुआत की तो मेरे माता-पिता सोच रहे थे कि वे ट्रैवल एजेंट बनने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जब ओला कैब्स की पहली फंडिंग हासिल हुई, तो उन्हें मेरे स्टार्टअप पर भरोसा हुआ। इस समय कई शहरों में ओला ने अपनी जगह बनाई हुई है। कंपनी हजारों करोड़ों में कारोबार कर रही है।