
वित्त वर्ष (2025-26) की शुरुआत अपने निवेश पोर्टफोलियो का रिव्यू और रीबैलेंसिंग करने का सही समय होता है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आपका पोर्टफोलियो आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता के अनुरूप बना रहे, खासकर तब जब मैक्रोइकोनॉमिक स्थितियां बदल रही हों।
स्क्रिपबॉक्स के सीईओ अतुल सिंघल के मुताबिक, बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते समय के साथ निवेशकों के पोर्टफोलियो की स्ट्रैटेजिक एसेट एलोकेशन बिगड़ सकती है। रीबैलेंसिंग की मदद से पोर्टफोलियो को दोबारा उसकी मूल संरचना में लाया जा सकता है। यह प्रक्रिया उन एसेट्स में ज्यादा निवेश को कम करती है, जिनकी वैल्यूएशन बहुत ऊंची हो गई है। इससे रिस्क घट जाता है।
वाइज फिनसर्व के सीईओ अजय कुमार यादव ने बताया कि आदर्श रूप से रीबैलेंसिंग ताजा पूंजी के जरिए की जानी चाहिए, ताकि टैक्स और एग्जिट लोड को कम से कम किया जा सके। अगर किसी निवेशक ने किसी एक एसेट क्लास में जरूरत से ज्यादा निवेश कर रखा है, तो उस एसेट क्लास को आंशिक रूप से बेच सकते हैं।
इस साल लार्ज और स्मॉल कैप फंड्स में सिंगल-डिजिट की बढ़त देखने को मिली, जबकि मिडकैप फंड्स ने औसतन 11त्न रिटर्न दिया। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के विशाल धवन ने कहा, मिड और स्मॉल कैप फंड्स में ज्यादा जोखिम लेने के बावजूद निवेशकों को इस साल अपेक्षाकृत ज्यादा रिटर्न नहीं मिला। डेट फंड्स ने इस साल आकर्षक रिटर्न दिए जो लिक्विड फंड्स में 7.18त्न से लेकर गिल्ट फंड्स में 8.98त्न तक रहे। गोल्ड ईटीएफ ने औसतन 34त्न का शानदार रिटर्न दिया। वैश्विक अनिश्चितताओं और कमजोर रुपए के चलते गोल्ड फंड्स ने इस साल बेहतरीन प्रदर्शन किया।
| श्रेणी | न्यूनतम | अधिकतम | औसत |
| लार्जकैप फंड्स | 2.3 | 26.5 | 7.0 |
| मिडकैप फंड्स | 2.8 | 18.6 | 11.0 |
| स्मॉलकैप फंड्स | 0.13 | 20.1 | 8.4 |
| लिक्विड फंड्स | 6.8 | 7.3 | 7.2 |
| कॉरपोरेट बॉन्ड फंड | 7.5 | 8.6 | 8.3 |
| गिल्ट फंड्स | 8.4 | 9.7 | 9.0 |
| गोल्ड ईटीएफ | 29.5 | 34.4 | 33.5 |
मिड और स्मॉल कैप फंड्स के प्रदर्शन भले ही इस साल कमजोर रहे हों, लेकिन इनकी वैल्यूएशन अब भी ऊंची बनी हुई है। इसलिए निवेशकों को इन सब-एसेट क्लास में आक्रामक रुख अपनाने से बचना चाहिए। वहीं लार्ज कैप फंड्स को लेकर उम्मीदें बेहतर हैं। इन फंड्स का वैल्यूएशन तुलनात्मक रूप से आकर्षक है और इनमें स्थिरता भी है। डेजर्व के को-फाउंडर वैभव पोरवाल ने कहा, जिन निवेशकों का अमरीकी फंड में एक्सपोजर उनकी इक्विटी पोर्टफोलियो का 20त्न से ज्यादा है, वे मुनाफा बुक करने पर विचार कर सकते हैं। डेट में हाई ड्यूरेशन या क्रेडिट-रिस्क कैटेगरी में जरूरत से ज्यादा निवेश से बचें। गोल्ड एलोकेशन अब 10त्न से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते समय के साथ निवेशकों के पोर्टफोलियो की स्ट्रैटेजिक एसेट एलोकेशन बिगड़ सकती है। रीबैलेंसिंग की मदद से पोर्टफोलियो को दोबारा उसकी मूल संरचना में लाया जा सकता है। सिंघल बताते हैं कि यह प्रक्रिया उन एसेट्स में ज्यादा निवेश को कम करती है, जिनकी वैल्यूएशन बहुत ऊंची हो गई है जिससे पोर्टफोलियो का जोखिम घटता है।
Updated on:
02 Apr 2025 11:10 am
Published on:
02 Apr 2025 09:58 am
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