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बिना निवेश किए टैक्स कैसे बचाएं, ये हैं तरीके

इनकम टैक्स बचाने के लिए लोग तरह तरह के विकल्प चुनते हैं। बहुत से लोग निवेश कर टैक्स बचाने की योजना बनाते हैं। निवेश किए बिना भी टैक्स बचाया जा सकता है। अगर आप भी बिना किसी में इन्वेस्ट की टैक्स बचाने का विचार कर रहे हैं तो आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

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save income tax

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इनकम टैक्स बचाने के लिए लोग तरह तरह के विकल्प चुनते हैं। बहुत से लोग निवेश कर टैक्स बचाने की योजना बनाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो टैक्स बचाने के लिए एन वक्त कैलकुलेशन करते हैं। वहां इन्वेस्ट कर देते हैं जहां टैक्स में छूट मिलती है। लोगों को टैक्स बचाने के लिए टैक्स बचाने के लिए कोई नया इन्वेस्ट करना पड़ता है। निवेश किए बिना भी टैक्स बचाया जा सकता है। अगर आप भी बिना किसी में इन्वेस्ट की टैक्स बचाने का विचार कर रहे हैं तो आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

मकान किराया भत्ता
अगर आप किराए के घर में रहते हैं तो आयकर अधिनियम के तहत hra. भता छूट का दावा कर सकते हैं। धारा 10 के तहत या तो एचआरए भत्ता पर पूरी तरह से छूट मिल जाएगी या आंशिक रूप से छूट दी जाती है। अगर आप अपने माता पिता के साथ रहते हैं तो आप उन्हें रेंट का भुगतान करके भी टैक्स छूट का लाभ ले प्राप्त कर सकते है।

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बच्चों की फीस
टैक्स में छूट पाने का बच्चों की फीस और हॉस्टल के खर्च बेहतरीन विकल्प हो सकते है। धारा 10(14) के तहत बच्चों की शिक्षा में खर्चा कर आप आयकर में छूट पा सकते है। एजुकेशन अलाउंस 1200 रुपये और हॉस्टल खर्च 3600 रुपये सालाना तक ही टैक्स छूट के दायरे में आता है, वो भी सिर्फ 2 बच्चों तक। इसके अलावा आप बच्चों की 105 लाख रुपए ट्यूशन फीस पर 80सी के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं।

होम लोन का भुगतान
धारा 80 सी के तहत होम लोन की मूल राशि अदा कर छूट पा सकते है। इसमें आपको 1.5 लाख रुपए का दावा कर सकते है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऐसी संपत्ति (घर) पोजेशन मिलने के 5 साल के भीतर बेचा नहीं जा सकता है।

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मेडिकल खर्च
धारा 80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम और हेल्थ चेकअप में हुए खर्च पर 25 हजार रुपये तक पर टैक्स छूट मिल सकती है। अगर आप 60 साल से अधिक की उम्र के माता-पिता के लिए भी मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम देते हैं तो आपको अतिरिक्त 25 हजार रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी।

एजुकेशन लोन
धारा 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर दिए गए ब्याज पर भी टैक्स में छूट पा सकते है। इस डिडक्शन का फायदा जिस साल से ब्याज लगना शुरू होता है, उससे 8 सालों तक लिया जा सकता है। एक शर्त ये है कि लोन 12वीं पास होने के बाद उच्च शिक्षा के लिए लिया हुआ होना चाहिए।