6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

साढ़े तीन महीने में ही Gold ने दिया 20000 रुपये प्रति दस ग्राम से ज़्यादा का मुनाफा, ऑल टाइम हाई पर सोना

Gold Price: साल 2025 में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2025 के पहले साढ़े तीन महीनों में देश में सोने की कीमतों में 20 हजार रुपये की वृद्धि हुई है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashib Khan

Apr 22, 2025

Gold Price: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ को लेकर चल रहे तनाव के कारण साल 2025 के पहले साढ़े तीन महीनों में भारत में सोने की कीमतों में करीब 20 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की वृद्धि हुई है। हालांकि इसके पहले कभी भी सोने के दाम इतनी रफ्तार से नहीं बढ़े हैं। दरअसल, 1 जनवरी को सोने की कीमत लगभग 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अप्रेल के मध्य तक लगभग 96 हजार रुपये तक बढ़ गई।

एक लाख के करीब पहुंचा सोना

देश में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं और एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब हैं। सोमवार को हाजिर में सोना स्टैंडर्ड 1100 रुपए उछलकर 99 हजार रुपए प्रति दस ग्राम हो गया, वहीं चांदी 700 रुपए चढ़कर 99 हजार रुपए प्रति किलो ग्राम रही।

इस प्रकार बढ़े भाव

MCX के मुताबिक एक जनवरी को सोने की कीमत 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था। इसके बाद 1 फरवरी को 83360 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं 3 मार्च को सोने का भाव 85429 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। 3 अप्रेल को सोने के भाव बढ़कर 91423 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया और 18 अप्रेल को 96747 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

क्या कहते है सर्राफा कारोबारी

सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3335 डॉलर प्रति औंस है। इसका असर आज ज्वैलरी मार्केट में देखने को मिल रहा है। सोने की कीमतें रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इसके आभूषणों की मांग 80 प्रतिशत तक गिर गई है।

सोने पर कर्ज अब होगा महंगा! 

गोल्ड लोन पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मसौदा दिशानिर्देश अपने मौजूदा स्वरूप में ही लागू हुए तो बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर खर्च का बोझ बढ़ सकता है। इस मसौदा दिशा-निर्देश के अनुसार बैंक और एनबीएफसी को अपनी सभी शाखाओं में मानक कागजी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। इसके अलावा, सोना के बदले ऋण देने वाली इकाइयों को ठोस वसूली एवं गणना विधियां भी अपनानी होंगी ताकि किसी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं रहे।

यह भी पढ़ें- अक्षय तृतीया से पहले सोना-चांदी की कीमतों में बंपर तेजी, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

गोल्ड लोन देने वाली एक बड़ी एनबीएफसी के अधिकारी ने कहा कि इस समय कलेक्शन, कागजी प्रक्रिया और गणना विधि आदि पर 2 प्रतिशत लागत बैठती है। मगर आरबीआई के मसौदा दिशानिर्देश अपने मौजूदा स्वरूप में लागू हुए तो यह लागत बढ़कर 4-5 प्रतिशत हो जाएगी। अधिकारी ने कहा कि शाखाओं को मानकीकरण प्रक्रिया तेजी से पूरी करनी होगी जिससे स्वर्ण ऋण मंजूर करने की प्रक्रिया पर खर्च बढ़ जाएगा।