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भारत का सोने का भंडार बढ़ा, विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार

India forex reserves: भारत का सोने का भंडार देश को वैश्विक आर्थिक अस्थिरता में सुरक्षा और निवेशकों को भरोसा देने में मदद करता है।

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भारत

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MI Zahir

Oct 03, 2025

India forex reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India forex reserves) लगातार मजबूत हो रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 26 सितंबर 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार (gold reserves India) करीब 18,600 करोड़ से बढ़ कर लगभग 7,91,700 करोड़ रुपये पर (RBI foreign exchange) पहुँच गया है। वहीं, कुल विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) इस अवधि में तकरीबन 58.24 लाख करोड़ रुपये रहा। हालांकि इसमें पिछले सप्ताह की तुलना में कुछ कमी देखी गई, क्योंकि इससे पहले यह करीब 58.48 लाख करोड़ रुपये था। भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ (Foreign Currency Assets) होती हैं। इस हफ्ते इनकी कुल कीमत करीब 46.91 लाख करोड़ रुपये रही। इनमें यूरो, ब्रिटिश पाउंड और जापानी येन जैसी मुद्राएं शामिल हैं। चूंकि ये डॉलर में मापी जाती हैं, इसलिए डॉलर के मुकाबले उनकी विनिमय दरों में बदलाव से इनके मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है।

अन्य संपत्तियों की स्थिति

आरबीआई के मुताबिक, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) की कीमत तकरीबन 1.51 लाख करोड़ रुपये रही। इसके अलावा, भारत की आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ रिजर्व पोजिशन लगभग 37,800 करोड़ रुपये रही। इन आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का भंडार अब तक के उच्चतम स्तर के करीब बना हुआ है।

मजबूत भंडार, मजबूत भरोसा

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह आरामदायक विदेशी मुद्रा स्थिति (Comfortable Forex Position) निवेशकों को भरोसा देती है। यह वैश्विक अनिश्चितता और बाजार में उतार-चढ़ाव के समय भारत को आर्थिक सुरक्षा देती है।

डॉलर बेच कर रुपये को गिरने से रोकता है आरबीआई

आरबीआई इन भंडारों का इस्तेमाल रुपया बाजार में हस्तक्षेप के लिए करता है — जैसे डॉलर बेच कर रुपये को गिरने से रोकना। हालांकि आरबीआई किसी विशेष विनिमय दर को लक्षित नहीं करता, पर इसका मकसद बाजार में स्थिरता बनाए रखना होता है।

पिछले सप्ताह का हाल

उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भी भारत के सोने के भंडार में बढ़ोतरी देखी गई थी। उस समय यह तकरीबन 7.73 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें करीब 3,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी। एफसीए उस समय लगभग 47.31 लाख करोड़ रुपये, एसडीआर लगभग 1.53 लाख करोड़ रुपये और IMF रिजर्व तकरीबन 39,000 करोड़ रुपये था।

भारत को संतुलित मुद्रा नीति अपनाने में मदद मिल रही

बहरहाल भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भले ही थोड़ा कम हुआ हो, लेकिन सोने के भंडार में बढ़ोतरी के चलते कुल स्थिति मजबूत बनी हुई है। इससे देश को वैश्विक बाजार में एक संतुलित मुद्रा नीति अपनाने में मदद मिल रही है। आईएएनएस