
Investment in Small Schemes: भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी बुलेटिन में कहा कि छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) में अभी निवेशकों को तय फॉर्मूले से 0.66% तक अधिक ब्याज मिल रहा है, जिससे रेट कट के इस दौर में बैंकों के लिए डिपॉजिट जुटाना मुश्किल हो सकता है। केंद्र सरकार कई छोटी बचत योजनाओं में एक तय फॉर्मूले के तहत ब्याज देती है। नियम के तहत इन योजनाओं में निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में मिलने वाले प्रतिफल से 0.25% से लेकर 1% तक अधिक ब्याज दिया जाता है।
उदाहरण के लिए 5 साल की मैच्योरिटी वीले सरकारी बॉन्ड का औसत प्रतिफल 6.62% है। इस हिसाब से सरकार के फॉर्मूले के मुताबिक 0.25% स्प्रेड जोडक़र 5 साल की अवधि वाले टाइम डिपॉजिट की ब्याज दरें 6.87% होनी चाहिए, पर निवेशकों को अभी 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर 7.5% ब्याज मिल रहा है। इसी तरह सरकारी फॉर्मूले के आधार पर 1% स्प्रेड जोडऱप 5 साल की अवधि वाले सीनियर सिटीजन सेंविंग स्कीम की ब्याज दरें 7.62% होनी चाहिए, जबकि अभी इस स्कीम में 8.20% ब्याज मिल रहा है। निवेश सलाहकारों का कहना है कि निवेशकों को अभी ऊंची ब्याज दरों का फायदा उठाने के लिए अधिक रिटर्न वाले बैंक एफडी और स्मॉल सेविंग स्कीम्स में निवेश करना चाहिए।
नॉर्थ ईस्ट एसएफबी 9.0%
यूनिटी एसएफबी 8.60%
सूर्योदय लघु वित्त बैंक 8.60%
उत्कर्ष लघु वित्त बैंक 8.50%
शिवालिक एसएफबी 8.30%
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक 8.25%
उज्जीवन एसएफबी 8.25%
इक्विटास एसएफबी 8.05%
पीपीएफ की दरों में पिछले 5 वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया है। अप्रेल-जून 2020 में पिछला बदलाव किया गया था, जब सालाना ब्याज दर को 7.9% से घटाकर 7.1% कर दिया गया था। पीपीएफ में पिछली बार अक्टूबर 2018 में ब्याज दरें बढ़ाई गई थी, जब इसे 8त्न कर दिया गया था। आरबीआइ के मुताबिक, फॉर्मूला के आधार पर दिए जाने वाले रेट्स से पीपीएफ में 0.41% कम ब्याज मिल रहा है।
टाइम डिपॉजिट (5 साल) 7.5%
सुकन्या समृद्धि योजना 8.2%
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट 7.7%
पब्लिक प्रोविडेंट फंड 7.1%
रिकरिंग डिपॉजिट 6.7%
किसान विकास पत्र 7.5%
सी. सि. सेविंग्स स्कीम 8.2%
मंथली इनकम स्कीम 7.4%
एसबीआइ, एचडीएफसी, यस बैंक, एक्सिस और पीएनबी जैसे बड़े बैंकों ने जहां अपनी एफडी की दरें इस महीने 0.25% घटाई है। वहीं, ब्याज दरों में इस गिरावट के माहौल में कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) अब भी जमाकर्ताओं 9% तक आकर्षक ब्याज दे रहे हैं। चूंकि एसएफबी का बिजनेस मॉडल थोड़ा अलग होता है। ये बैंक उन ग्राहकों को लोन देते हैं जिन्हें बड़े बैंकों से कर्ज नहीं मिल पाता। यह कर्ज आम तौर पर ज्यादा ब्याज पर होता है, जिससे बैंक को अपने डिपॉजिटर्स को भी ज्यादा ब्याज देने की गुंजाइश मिलती है। इन बैंकों में 5 लाख तक की एफडी कराने की ही सलाह है।
Published on:
24 Apr 2025 12:54 pm
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