
किसानों पर मेहरबान मोदी सरकार
मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में बैंक कर्ज में तेजी से वृद्धि हुई है। बैंकों ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रेल-जनवरी अवधि के दौरान कर्ज के रूप में 20.39 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया है, जबकि पूरे 2013-14 में किसानों को 7.3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था।सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपए निर्धारित किया था। बैंक पहले ही लक्ष्य पार कर चुके हैं और इस वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 22 लाख करोड़ रुपए को पार कर सकता है।
कृषि मंत्रालय ने किसानों को सालाना सात प्रतिशत के कम ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए तीन लाख रुपए तक के अल्पकालिक फसल कर्ज को लेकर ब्याट योजना लागू की हुई है। योजना के तहत बैंकों को उनके संसाधनों के उपयोग पर प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की ब्याज छूट दी जाती है। ऋण का समय पर भुगतान करने पर किसानों को 3% प्रोत्साहन दिया जाता है।
DBT के जरिए मिलेंगे 2.81 लाख करोड़
इसके अलावा, सरकार ने 2019 में पीएम-किसान योजना शुरू की। इसके तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपए की राशि तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। यह योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन किसानों को योजना का लाभ दिसंबर, 2018 से दिया गया। 2018 से अबतक 11 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को विभिन्न किस्तों के माध्यम से 2.81 लाख करोड़ रुपए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए दिए गए।
हरित क्रांति 2.0 की जरूरत
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि भारत को दाल, तेल और सब्जी जैसी कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति 2.0 की शुरुआत करने की जरूरत है। GTRI ने कहा है कि सरकार इस तरह की फसलों पर MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी दे सकती है।
ये भी पढ़ें: 'मैं योगाभ्यास करता हूं, शाकाहारी आहार खाता हूं', सुप्रीम कोर्ट में आयुष वेलनेस सेंटर ओपनिंग पर सीजेआई ने दिए फिटनेस मंत्र
Updated on:
23 Feb 2024 11:00 am
Published on:
23 Feb 2024 10:58 am
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
