उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऐसे बहुत से केस सामने आए थे जिनमें मरीजों के इलाज का बिल लाखों रुपयों में पहुंच गया था। आईसीयू तथा अन्य मेडिकल फैसिलिटीज के लिए अत्यधिक राशि वसूली जा रही थी। ऐसे ही कुछ मामलों में सोशल मीडिया के जरिए तथा अन्य स्रोतों से लोगों की सहायतार्थ पैसा आ रहा था। इस पैसे पर अब तक इनकम टैक्स लगता रहा है। जिस पर अब केन्द्र सरकार ने छूट देने की घोषणा की है।
इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति का कोरोना से निधन हो जाता है तो उसकी मृत्यु उपरांत मिलने वाले लाभ यथा इंश्योरेंस का पैसा, प्रोविडेंट फंड अथवा अन्य किसी प्रकार से आए पैसे पर भी टैक्स लिया जाता है। सरकार का यह नया निर्णय इस संबंध में पीड़ित परिवारों को राहत देगा।
आयकर विभाग के अनुसार प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना में विवाद से विश्वास के तहत भुगतान समय सीमा दो महीने बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है। इसके अलावा पैन नम्बर को आधार कार्ड से लिंक कराने के लिए अंतिम सीमा तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है। नियोक्ताओं के लिए फॉर्म 16 के रूप में स्रोत पर कर कटौती प्रमाण पत्र कर्मचारियों को देने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई है।