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अब गांव-गांव पहुंचेगा इंटरनेट! Starlink को सरकार से मिली मंजूरी, कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान

Starlink: स्टारलिंक, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा संचालित एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जो लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में हजारों छोटे सैटेलाइट्स के नेटवर्क के जरिए हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट प्रदान करती है।

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भारत

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Ashib Khan

Jun 09, 2025

स्टारलिंक को मिली सरकार से मंजूरी (Photo-X @bolstart)

Starlink: एलन मस्क की सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है, जो देश के डिजिटल परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मंजूरी के साथ, स्टारलिंक भारत में अपनी हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है, जिसका सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों को होगा। यह कदम डिजिटल इंडिया पहल को और मजबूत करेगा, जिसका उद्देश्य देश के हर कोने में इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित करना है।

कितनी होगी कीमत?

बता दें कि भारत में स्टारलिंक का डिवाइस 33,000 का मिलेगा। वहीं 3 हजार रुपये में महीने में अनलिमिटेड इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा जो नए यूजर्स होंगे उन्हें एक महीने का फ्री ट्रायल भी मिलेगा। हालांकि एक महीने बाद तय किया गया खर्च चुकाना होगा। 

स्टारलिंक क्या है?

स्टारलिंक, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा संचालित एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जो लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में हजारों छोटे सैटेलाइट्स के नेटवर्क के जरिए हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट प्रदान करती है। पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवाएं, जो फाइबर ऑप्टिक केबल्स या मोबाइल टावरों पर निर्भर होती हैं, ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर अपर्याप्त होती हैं। स्टारलिंक इन क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाता है, क्योंकि यह सैटेलाइट के जरिए सीधे यूजर टर्मिनल्स तक इंटरनेट पहुंचाता है। यह सेवा 25 से 220 एमबीपीएस की डाउनलोड स्पीड प्रदान करती है, जो वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन गेमिंग और अन्य डेटा-इंटेंसिव कार्यों के लिए उपयुक्त है।

भारत में मंजूरी का महत्व

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्टारलिंक को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस प्रदान किया है, जिसके बाद कंपनी अब भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए अंतिम औपचारिकताएं पूरी कर रही है। यह मंजूरी स्टारलिंक के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि 2021 में बिना लाइसेंस के प्री-बुकिंग शुरू करने के कारण कंपनी को सरकार की चेतावनी का सामना करना पड़ा था। अब, राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा स्थानीयकरण जैसे मुद्दों को संबोधित करने के बाद, स्टारलिंक को हरी झंडी मिल गई है।

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कंपटीशन होगा तेज

विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय बाजार में स्टारलिंक के आने से दूरसंचार क्षेत्र में कंपटीशन तेज हो सकता है। सथ ही ग्रामीण क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और दूरदराज के स्थानों में व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी समाधान उपलब्ध हो सकते हैं।