30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब ऑनलाइन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी देना होगा टैक्स

वैश्विक न्यूनतम दर - दुनिया के देशों को हर वर्ष 150 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर मिलेगा

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Jul 05, 2021

business_tips_in_hindi.jpg

नई दिल्ली। भारत सहित दुनिया के 130 देशों ने जिस वैश्विक न्यूनतम कर समझौते पर सहमति जताई हैं, उसके तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उन देशों में भी कर देना होगा, जहां वे ऑनलाइन कारोबार से मुनाफा कमाती हैं। चाहे भले ही उन देशों में इनकी भौतिक रूप से मौजूदगी न हो।

यह भी पढ़ें : कोरोना काल में नौकरी पर संकट या कम हो गई है सैलरी? ऐसे करें अपनी सेविंग्स-पैसों का जुगाड़

इससे पहले भारत और चीन जैसे बड़े विकासशील देशों ने वैश्विक न्यूनतम कर के प्रति आपत्ति जताई थी। अब सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की कोशिश करेगी कि उनके देशों में जिनके मुख्यालय हैं, वह न्यूनतम 15 फीसदी की दर से कर का भुगतान करें।

यह भी पढ़ें : ICICI बैंक में अकाउंट है तो हो जाएं सावधान! ग्राहकों को नुकसान से बचाने लिए बैंक ने जारी किया ये अलर्ट

सालाना अतिरिक्त कर
अमरीका के पांच फीसदी के वैश्विक न्यूनतम कर के प्रस्ताव पर जिन देशों ने सहमति जताई हैं, उनमें G-20 देश भी शामिल हैं। इससे देशों को 150 अरब डॉलर अतिरिक्त कर मिलेगा।

यह भी पढ़ें : अमेजन के सीईओ पद से सोमवार को इस्तीफा देंगे जेफ बेजोस, नई पारी की करेंगे शुरूआत

नई कर व्यवस्था के दो पहलू
नई कर व्यवस्था के दो पहलू हैं। पहला, दुनियाभर के देशों को अपने यहां कारोबार करने वाली कंपनियों पर समुचित कर लगाने का अधिकार मिलेगा। दूसरा, करदाताओं का आधार बनाए रखने के लिए कॉरपोरेट कर की दम कम रखने की होड़ नहीं मचेगी।

यह भी पढ़ें : नया घर खरीदने वालों को मिलेगी छूट, LIC ने होम लोन पर ब्याज दरों में करी कटौती

भारत ने कहा, अक्टूबर तक बन सकती है सहमति
वैश्विक न्यूनतम कर पर भारत ने कहा है कि मुनाफा आवंटन में हिस्सेदारी और नियम सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दे हल किया जाना बाकी है। प्रस्ताव के तकनीकी विवरण आने के बाद इस पर अक्टूबर तक सहमति बन सकती है। भारत सहज और सरल तरीके का समाधान चाहता है।