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छोटे उद्यमियों की मदद के लिए है पीएमएफएमर्ई

सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को सशक्त और प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पीएमएफएमई) योजना चला रही है। यह योजना ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के तहत छोटे और मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को सहायता प्रदान करती है।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Jan 28, 2025

small entrepreneurs

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सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को सशक्त और प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पीएमएफएमई) योजना चला रही है। यह योजना ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के तहत छोटे और मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को सहायता प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से छोटे उद्यमियों, सहकारी समितियों, स्व-सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओएस) को कई प्रकार के लाभ दिए जा रहे हैं।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. आर्थिक सहायता: पात्र खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को पूंजी निवेश के लिए 35त्न तक की क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी, जिसकी सीमा 10 लाख रुपए तक हो सकती है।

2. तकनीकी उन्नयन: सूक्ष्म और छोटे उद्योगों को आवश्यकतानुसार नवीनतम तकनीकों और उपकरणों को अपनाने में मदद मिलती है। गुणवत्ता व क्षमता में सुधार होता है।

3. ब्रांडिंग और मार्केटिंग: ‘एक जिला, एक उत्पाद’ के तहत चयनित उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रांडिंग और प्रमोशन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

4. क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: उद्यमियों और उनके कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

5. आसान ऋण सुविधा: ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ समन्वय किया जाता है। इसके तहत ऋण पर सब्सिडी दी जाती है।

6. सामुदायिक स्तर पर सहायता: इसके तहत भंडारण, कोल्ड स्टोरेज और अन्य बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास में भी सहायता की जाती है।

7. स्थानीय रोजगार सृजन: स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्वरोजगार और रोजगार के नए साधन प्रदान करती है।

8. प्रमाणन: खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को एफएसएसएआइ जैसे आवश्यक प्रमाणन प्राप्त करने में सहायता मिलती है। इससे उत्पादों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बढ़ती है।

10. डीआरपी: योजना के कार्यान्वयन में जिला संसाधन व्यक्तियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। स्थानीय उद्यमियों को आवेदन, दस्तावेजीकरण व मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

वित्तीय दृष्टिकोण से लाभ

यह योजना कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु उद्योग, एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
पूंजी लागत में कमी और उत्पादन की लागत में सुधार के माध्यम से लाभ मिलता है।
ऋण पर सब्सिडी और ब्रांडिंग सहायता से प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।
योजना के तहत नई तकनीकों को अपनाने से उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार होता है।

-मोहित धमोड़, सीए