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हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा… सोशल मीडिया पर वायरल हो रही Rapido Bike Rider की कहानी

From crores loss to Rapido rider: सोशल मीडिया पर एक रैपिडो बाइक राइडर की कहानी शेयर की गई है, जिसने करोड़ों के नुकसान के बाद भी खुद को टूटने नहीं दिया और एक नई शुरुआत की।

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भारत

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Newsdesk

Dec 25, 2025

Rapido Rider Viral Story

एक रैपिडो बाइक राइडर की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। (PC: AI)

Rapido bike rider struggle story: दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा' बुरे वक्त में भी डटकर खड़े रहने की प्रेरणा देती है। आज (25 दिसंबर) उनके जन्मदिवस के मौके पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक कहानी भी यही सीख दे रही है। यह कहानी है एक रैपिडो बाइक राइडर की, जिसने मुश्किल हालात में भी खुद को टूटने नहीं दिया। कोरोना काल में इस राइडर की जिंदगी ने 360 डिग्री का टर्न लिया और एक पल में सबकुछ बदल गया। हालांकि, उसने हिम्मत नहीं हारी। चिराग नामक यूजर ने यह कहानी शेयर की है। उन्होंने बताया है कि कैसे एक सामान्य रैपिडो राइड ने उन्हें जीवन का सबसे बड़ा मंत्र दे दिया - नेवर गिव अप।

राइडर ने एमिटी से की है पढ़ाई

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर @0xChiraag नामक यूजर ने लिखा है कि रैपिडो राइड के दौरान जब ड्राइवर ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बताना शुरू किया, तो भावनाओं का सैलाब आ गया। राइडर ने बताया कि उसने एमिटी यूनिवर्सिटी से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उसके पिता सेना में थे और लाइफ एकदम बढ़िया चल रही थी। उनका एक फैमिली बिजनेस था, किसी चीज की कोई कमी नहीं थी। लेकिन कोरोना ने सबकुछ बदल दिया।

बिजनेस बंद, करोड़ों का नुकसान

राइडर ने आगे बताया कि कोरोना महामारी के दौरान उनका बिजनेस बंद हो गया और परिवार को 13 से 14 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। राइडर ने अपने एक दोस्त के साथ स्टार्टअप शुरू करके जिंदगी को वापस पटरी पर लाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। स्टार्टअप फेल होने की वजह से उसे 4 लाख का अतिरिक्त नुकसान अलग हुआ। राइडर ने कहा कि उसके पास कोई सेविंग नहीं थी, कुछ था तो बस बाइक। इसलिए वह गुजारा चलाने के लिए रैपिडो राइडर बन गया।

'मैं हार नहीं मानूंगा'

चिराग ने लिखा है - रैपिडो राइडर ने कहा कि मेरे पास पैसा नहीं था, बस एक बाइक थी, जिसे मैंने कमाई का जरिया बना लिया। इसके बाद उसने जो कहा वो मेरे दिल को अंदर तक छू गया। राइडर ने कहा कि मैं हार नहीं मान रहा हूं। भगवान पर मेरा भरोसा कायम है। मैं एक आखिरी कोशिश फिर करूंगा। चिराग बताया कि यह कहते-कहते रैपिडो राइडर सच में रोने लगा। मैं बस खामोशी से उसकी बात सुन रहा था और महसूस कर रहा था कि जिंदगी वाकई कई बार बहुत अन्यायपूर्ण होती है।