
आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। (PC: Freepik)
RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस बार लोगों को निराश किया है। आरबीआई एमपीसी की बैठक में प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। आरबीआई गवर्नर संजय मलहोत्रा ने बताया कि एमपीसी ने रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया है। साथ ही पॉलिसी के रुख को न्यूट्रल रखा है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि इस बार आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है।
रेपो रेट वह ब्याज दर होती है, जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। जब आरबीआई रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों के लिए कर्ज सस्ता हो जाता है। इसका फायदा बैंक ग्राहकों तक पहुंचाते हैं। वे होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन समेत सभी तरह के कर्ज सस्ते कर देते हैं। जब लोगों को सस्ता कर्ज मिलता है, तो वे अधिक लोन लेते हैं। इससे बाजार में लिक्विडिटी आती है और जीडीपी ग्रोथ को सपोर्ट मिलता है। दूसरी तरफ जब आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है, तो बैंक भी लोगों के लिए कर्ज महंगे कर देते हैं। इससे बाजार में लिक्विडिटी कम होती है और महंगाई को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। आरबीआई एमपीसी बैठक में वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.7 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.6 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया है। वहीं, चौथी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.3 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को भी 6.6 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए खुदरा महंगाई के अनुमान को पहले के 3.1 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है।
Updated on:
01 Oct 2025 11:00 am
Published on:
01 Oct 2025 10:18 am
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