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Loan Recovery Agent घर आकर दे रहे धमकी? डरे नहीं, जानिए क्या हैं नियम और आपके अधिकार

Rbi Rules for Loan Recovery Agents: लोन रिकवरी एजेंट्स ग्राहक का अपमान नहीं कर सकते है। न ही उन्हें धमका सकते हैं। रिकवरी एजेंट्स शाम 7 बजे के बाद ग्राहक के घर नहीं पहुंच सकते।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Aug 01, 2025

Rbi Rules for Loan Recovery Agents

लोन रिकवरी एजेंट्स ग्राहक को धमका नहीं सकते हैं। (PC: Gemini)

आपने कई ऐसे मामले देखे-सुने होंगे, जिनमें लोन रिकवरी एजेंट्स कर्ज लेने वाले से बुरी तरह मारपीट कर देते हैं। घर में से सामान उठाकर ले जाते हैं और धमकियां देते हैं। कुछ मामलों में तो बात बहुत आगे तक बढ़ जाती है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग लोन रिकवरी एजेंट्स की गैर-कानूनी वसूली प्रैक्टिस के चलते डिप्रेसन में चले जाते हैं। जागरुकता के अभाव में ग्राहक इन एजेंट्स की प्रताड़ना सहते रहते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि लोन रिकवरी एजेंट्स के गलत व्यवहार से कैसे बचें और आपके पास क्या-क्या अधिकार हैं।

क्या लोन रिकवरी एजेंट्स घर आ सकते हैं?

आरबीआई के फेयर प्रैक्टिस कोड के अनुसार, रिकवरी एजेंट्स बकाया वसूली के लिए ग्राहक के घर जा सकते हैं। लेकिन रिकवरी एजेंट्स पर कुछ लिमिट्स भी लगाई गई हैं। आइए जानते हैं कि ये क्या हैं:

टाइमिंग: लोन रिकवरी एजेंट्स सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही ग्राहक से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं और घर विजिट कर सकते हैं। बिना ग्राहक की सहमति के इस टाइमिंग के बाहर ग्राहक के घर जाने पर इसे उत्पीड़न माना जाएगा।

एजेंट का व्यवहार: रिकवरी एजेंट को सभ्यता के साथ ग्राहक से बात करनी होगी। ग्राहक से गाली-गलौज नहीं की जा सकती और न ही उन्हें धमका सकते हैं।

सार्वजनिक तौर पर नहीं कर सकते अपमान: लोन रिकवरी एजेंट्स ऑफिस में या पड़ोसियों के सामने ग्राहक का अपमान नहीं कर सकते। न ही दूसरे लोगों को लोन की डिटेल बता सकते हैं।

आईडी दिखानी होगी: रिकवरी एजेंट्स को वैलिड आईडी कार्ड दिखाना होगा। साथ ही बैंक या एनबीएफसी का ऑथराइजेशन लेटर भी दिखाना होगा।

क्या रिकवरी एजेंट्स आपके ऑफिस पहुंच सकते हैं?

अगर रिकवरी एजेंट्स आप तक नहीं पहुंच पा रहे हों, तो वे आपके वर्कप्लेस पर भी आ सकते हैं, बशर्ते उनका व्यवहार विनम्र और सम्मानजनक होगा। यह वर्कप्लेस विजिट ऐसी हो, जिससे आपकी इमेज को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। हालांकि, ऐसी विजिट्स के बारे में तब तक नहीं सोचा जाता, जब तक कि ग्राहक से कम्युनिकेशन की सभी संभावनाएं खत्म न हो गई हों।

ग्राहकों के पास हैं ये अधिकार

कानून और आरबीआई के नियमों के तहत ग्राहकों के पास निम्न अधिकार हैं:

गरिमा का अधिकार: अगर आप लोन चुकाने में डिफॉल्ट कर जाते हैं, तो आपको धमकाया या डराया नहीं जा सकता।

निजता का अधिकार: आपके लोन के बारे में किसी को, यहां तक कि आपके पड़ोसियों या सहकर्मियों को भी सूचित नहीं किया जा सकता।

शिकायत का अधिकार: यदि कोई रिकवरी एजेंट गलत तरीके से व्यवहार कर रहा है, तो आप बैंक से शिकायत कर सकते हैं और साथ ही आरबीआई लोकपाल के पास जा सकते हैं या पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

यदि आपको परेशान किया जा रहा है तो क्या करें?

बातचीत का रिकॉर्ड रखें: कॉल रिकॉर्ड करें, मैसेज को सुरक्षित रखें और विजिट्स का रिकॉर्ड रखें।

बैंक के पास शिकायत दर्ज करें: बैंकों और NBFCs के पास एक शिकायत निवारण तंत्र होता है। वहां शिकायत कर सकते हैं।

आरबीआई लोकपाल के पास जाएं: यदि 30 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान नहीं होता है, तो आप आरबीआई लोकपाल के पास जा सकते हैं।

पुलिस को रिपोर्ट करें: धमकी, हमला या निजता का उल्लंघन होने पर पुलिस को रिपोर्ट करें।