
shaktikanta das
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आज नीति प्रस्ताव की घोषणा करने वाली है। इससे पहले उच्च मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं और नई जियो पॉलिटीकल परिस्थियों को लेकर तीन दिवसीय बैठक की गई। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति से पहले ही देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC ने अपनी MCLR में 35 बेसिस प्वांइट की बढ़ोतरी की है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दूसरे बैंक भी बढ़ोतरी कर सकते है।
कितनी हो सकती है बढ़ोतरी
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में लगातार सातवें महीने बढ़ते हुए आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनी हुई है। विशेषज्ञ रेपो दर में और बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
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एचडीएफसी ने बढ़ाई ब्याज दरें
आरबीआई की मौद्रिक नीति से पहले ही देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने घोषणा की है कि उसने अपनी बेंचमार्क उधार दर में 35 आधार अंकों यानी बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है। इसके बाद बैंक के नए और मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई का बोझ बढ़ना तय माना जा रहा है। बता दें, एक बेसिस प्वाइंट एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है।
पिछले महीने 0.40 प्रतिशत हुई बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक (RBI) ने पिछले महीने 4 मई को ब्याज दरों में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थीं। उसी समय गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगामी समीक्षा में दरों में वृद्धि जारी रखने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि रेपो दर में वृद्धि तो होगी, लेकिन यह 0.25-0.35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
Published on:
08 Jun 2022 09:00 am
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