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बदलाव: नया वित्त वर्ष शुरू होते ही बदल गए ईपीएफ, टीडीएस, आइटीआर से जुड़े कई नियम

- नए नियमों से जहां एक ओर आपको राहत मिलेगी, वहीं कुछ बातों का ध्यान नहीं रखने पर हो सकता है आर्थिक नुकसान- आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा इन बदलावों का असर, फायदे के लिए देना होगा ध्यान

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बदलाव: नया वित्त वर्ष शुरू होते ही बदल गए ईपीएफ, टीडीएस, आइटीआर से जुड़े कई नियम

बदलाव: नया वित्त वर्ष शुरू होते ही बदल गए ईपीएफ, टीडीएस, आइटीआर से जुड़े कई नियम

नई दिल्ली। एक अप्रैल, 2021 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है। इस दिन से देश में कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इनका आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। मसलन, ये नियम आपको किसी न किसी तरह प्रभावित जरूर करेंगे। इन नए नियमों से एक ओर जहां आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा, तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इन बदलावों में सालाना 2.5 लाख रुपए से अधिक पीएफ जमा पर मिला ब्याज टैक्स के दायरे में आ जाएगा। इसके साथ ही कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा। इसके अलावा चेक बुक आदि भी शामिल हैं। आइए, जानते हैं इन बदलावों के बारे में...

ईपीएफ अंशदान-
आज से कर्मचारी भविष्य निधि में सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा के जमा पर मिला ब्याज अब कर के दायरे में आएगा। ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।

प्री-फिल्ड आइटीआर-
आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है। आयकर विभाग नए वित्त वर्ष से पहले से भरा आइटीआर फॉर्म मुहैया कराएगा।

रिटर्न भरने से छूट-
1 अप्रैल से 75 साल से अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों को आइटीआर भरने से छूट दी जाएगी। इसका लाभ उनको मिलेगा, जिनकी पेंशन व एफडी के ब्याज से आय होती है।

दोगुना टीडीएस-
रिटर्न भरने को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्रोत पर कर कटौती नियमों को सख्त किया है। जो रिटर्न नहीं भरेगा, उसे 1 अप्रेल के बाद दोगुना टीडीएस भरना पड़ेगा।

बदलेगी चेक बुक-
देना बैंक, विजया बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक और इलाहाबाद बैंक की पुरानी चेक बुक 1 अप्रेल से मान्य नहीं होगी।

ई-इनवॉयस जरूरी-
बिजनेस-टू-बिजनेस के तहत 1 अप्रेल से उनके लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा, जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से अधिक है।

लेन-देन पर शुल्क-
आपका खाता डाकघर में है, तो एक अप्रेल से जमा या निकासी के अलावा आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) पर शुल्क देना होगा।

नॉन-सैलरीड-
1 अप्रैल से नॉन-सैलरीड क्लास लोगों जैसे फ्रीलांसर्स, टेक्निकल सहायक आदि को अपनी कमाई पर अब 10 फीसदी टीडीएस देना होगा।

विवाद से विश्वास-
विवाद से विश्वास योजना के तहत घोषणा पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। योजना का उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना है।

बोतलबंद पानी-
आज से कंपनियों के लिए बोतलबंद पानी बेचना आसान नहीं होगा। एफएसएसएआइ ने विनिर्माताओं के लिए लाइसेंस हासिल करने के लिए प्रमाणन अनिवार्य किया है।