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एसबीआई के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब न्यूनतम बैलेंस रखना ज़रूरी नहीं

देश के बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। एसबीआई के नए नियमों के अनुसार आपके अकाउंट में न्यूनतम बैंलेस की राशि बैंक ने तय कर दी थी।

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kamlesh sharma

Apr 17, 2017

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देश के बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। एसबीआई के नए नियमों के अनुसार आपके अकाउंट में न्यूनतम बैंलेस की राशि बैंक ने तय कर दी थी। इस नियम को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सवालों के घेरे में आ गया था। अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इन नियमों में छूट दी है। अब वो कुछ खातों में से ये शर्त हटाने जा रहा है।

एसबीआई के मुताबिक वो अपने खाताधारकों को मंथली बैलेंस बनाए रखने के नियम से कुछ छूट दे रहा है। अब स्मॉल सेविंग्स, बैंक अकाउंट्स, बेसिक सेविंग्स बैंक अकाउंट्स और जन धन अकाउंट या फिर हाल ही में सरकार की योजना प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में ये छूट दी गई है। एसबीआई ने एक ट्वीट के जरिए यह बात कही है।

एसबीआई के नए नियमों के मुताबिक छह महानगरों में लोगों को अपने खाते में कम से कम 5 हजार रुपए रखने होंगे दूसरी तरफ शहरी और अर्ध-शहरी शाखाओं के लिए न्यूनतम राशि की सीमा 3 हजार रुपए और 2 हजार रुपएतय की गई है। ग्रामीण इलाकों की शाखाओं में न्यूनतम राशि 1,000 रुपए तय की गई है।

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एसबीआई के बचत खाताधारकों को मासिक आधार पर इस न्यूनतम राशि को अपने खाते में रखना ज़रूरी होगा। ऐसा नहीं होने पर उन्हें 20 रुपये ग्रामीण शाखा में जमा करने होंगे। महानगरों के लिए ये राशि 100 रुपए होगी।

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पांच साल के बाद भारतीय स्‍टेट बैंक ने एक अप्रैल से खातों में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर पेनल्‍टी वसूलनी शुरू कर दी है। एसबीआई ने इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि महानगरों में अगर खातों में उपलब्ध राशि न्यूनतम बैलेंस के मुकाबले 75 फीसदी से अधिक कम होगी तो 100 रुपए जुर्माना और इस पर सर्विस टैक्स जोड़कर वसूला जाएगा।

हाल में ही पांच बैंकों का विलय एसबीआई में हुआ है। बैंक की बैलेंस सीमा बढ़ाने के बाद इसका असर 31 करोड़ खाताधारकों में पड़ रहा है जिनमें पेंशनर्स से लेकर छात्र छात्राएं तक शामिल हैं। पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद एसबीआई के ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ हो गई है।

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