
Share Market Closing: आज 29 अक्टूबर मंगलवार के दिन घरेलू शेयर बाजार ने शुरुआती गिरावट के बाद मजबूती दिखाई और लगातार दूसरे दिन पॉजिटिव रुख के साथ बंद हुआ। इस दिन, निवेशकों का रुझान बाजार में स्थिर बना रहा और दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने बढ़त दर्ज की। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 363.99 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80,369.03 पर बंद हुआ। वहीं, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 127.70 अंक यानी 0.52 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,466.85 पर पहुंच गया।
सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन बाजार में शुरुआत से ही गिरावट का रुख देखने को मिला था। सुबह के समय सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांकों में कमजोरी रही, जिससे निवेशकों में हल्की बेचैनी बनी रही। अंतरास्ट्रीय बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती मंदी का असर पड़ा। अमेरिका में बांड यील्ड में बढ़ोतरी और अंतरास्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता के चलते एशियाई बाजारों पर भी इसका असर देखा गया, जिससे घरेलू बाजार ने भी शुरुआत में कमजोरी दिखाई।
मिड सेशन में बाजार (Share MarketClosing) में स्थिरता आने लगी और खरीदारी में बढ़ोतरी देखी गई। बैंकिंग, आईटी, ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर के शेयरों में आई तेजी से बाजार को समर्थन मिला और सूचकांकों में मजबूती दिखाई देने लगी। सेंसेक्स और निफ्टी ने जल्द ही शुरुआती नुकसान को कवर कर लिया और मिड सेशन में सकारात्मक दायरे में पहुंच गए।
इस तेजी में बैंकिंग, ऑटो और आईटी सेक्टर का प्रमुख योगदान रहा। खासकर, बड़ी कंपनियों के शेयरों में खरीदारी का रुझान बना रहा, जिससे बाजार में मजबूती बनी रही। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस और रिलायंस जैसी कंपनियों के शेयरों में बढ़त ने सेंसेक्स और निफ्टी को ऊपर की ओर धकेला। इसके अलावा, मेटल और फार्मा सेक्टर में भी हल्की मजबूती रही, जिससे बाजार को सकारात्मक मोमेंटम मिला।
भारतीय शेयर बाजार (Share Market Closing) पर ग्लोबल संकेतों का मिला-जुला असर देखा गया। अमेरिकी बाजार में उथल-पुथल और यूरोपीय बाजारों में अस्थिरता के बावजूद एशियाई बाजारों में कुछ सुधार का रुख रहा, जिसका सकारात्मक असर भारतीय बाजार पर पड़ा। निवेशकों ने भी उम्मीद जताई कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होने से घरेलू बाजार में तेजी बरकरार रह सकती है।
एफआईआई (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों डीआईआई (DII)की गतिविधियों का भी बाजार पर असर पड़ा। एफआईआई ने बाजार में शुद्ध बिकवाली का रुख अपनाया, वहीं डीआईआई ने कुछ प्रमुख सेक्टर्स में खरीदारी की। इस मिश्रित प्रवृत्ति के बावजूद घरेलू निवेशकों का बाजार पर विश्वास बना रहा और इसका सकारात्मक असर सूचकांकों पर दिखा।
Updated on:
29 Oct 2024 04:42 pm
Published on:
29 Oct 2024 04:32 pm
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