
नई दिल्ली। अगर सोने में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं कि कल से आगामी पांच दिनों तक आपके लिए सुनहरा मौका है। ऐस इसलिए कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ( Sovereign Gold Bond ) योजना की पांचवीं किश्त 9 अगस्त 2021 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने जा रही है। पांचवीं किश्त की 9 से 13 अगस्त 2021 तक खुली रहेगी। एसजीबी में निवेश करने पर इन्वेस्टर्स को ब्याज मिलता है। आरबीआई के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की पांचवीं किस्त में एक ग्राम सोने की कीमत 4,790 रुपए है। एसजीबी में प्रति यूनिट की वैल्यू होती है। पांचवीं किश्त में इश्यू डेट 17 अगस्त 2021 निर्धारित की गई है।
इन लोगों को माना जाएगा निवेश के लिए योग्य
एसजीडी सोने से लिंक होते हैं। इसमें निवेश पर अतिरिक्त रिटर्न भी मिलता है। कोई भी भारतीय निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान इस सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश कर सकते हैं।
ये है निवेश की वजह
डिजिटल या पेपर गोल्ड के माध्यम से नॉन-फिजिकल गोल्ड में निवेश सुझाव एक्सपर्ट देते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है एसजीबी की हाई लिक्विडिटी। इसके अलावा कोई स्टोरेज लागत नहीं होती है। इसे फिजिकल सोने की तुलना में बेचना आसान है।
ऑनलाइन निवेश करने पर मिलेगा डिस्काउंट
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में ऑनलाइन निवेश करने और किसी भी डिजिटल तरीके से भुगतान करने पर प्रति यूनिट 50 रुपए की छूट मिलेगी। ऑनलाइन ग्राहकों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2021-22 योजना की पांचवीं किश्त में प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,740 रु निर्धारित की गई है। बता दें कि चौथी एसजीबी सीरीज में इश्यू प्राइस 4,807 रुपए प्रति ग्राम था। वो सीरीज 12 जुलाई से 16 जुलाई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की पांचवीं किश्त के लिए सरकार ने 17 अगस्त 2021 को सेटलमेंट की तारीख तय की है। सरकार ने कहा है कि वह मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करेगी।
यहां से खरीदें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
एसजीबी सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा जारी किए जाते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंकों के अलावा बाकी बैंकों स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ( एसएचसीआईएल ), डेजिगनेटेड पोस्ट ऑफिस और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के माध्यम से बेचे जाते हैं। एसजीबी योजना की शुरुआत के बाद से मार्च 2021 तक कुल 25,702 करोड़ रुपए जुटाए गए थे। इन बॉन्ड की अवधि आठ वर्ष की होती है। मगर निवेशकों के पास पांचवे वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प होता है।
Updated on:
08 Aug 2021 04:25 pm
Published on:
08 Aug 2021 04:11 pm
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