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कुछ करने के जुनून में छोड़ी Oracle की जॉब, खोला आइसक्रीम स्टॉल, आज विदेशों में हैं 18 से ज्यादा आउटलेट

Success Story: ऑरेकल की अच्छी-खासी जॉब छोड़कर बैंगलुरु के प्रदीप कन्नन ने फालूदा आइसक्रीम का बिजनेस शुरू किया। आज विदेशों में भी उनके आउटलेट्स हैं।

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Success Story

जॉब छोड़कर शुरू किया फालूदा बेचने का काम (PC: @Pradeepkannanj/X)

संकल्प से ही सिद्धि मिलती है। ये सच्ची कहानी है एक ऐसे शख्स की जिसने इसे चरित्रार्थ कर दिखाया है, इनका नाम है प्रदीप कन्नन। बैंगलुरु में रहने वाले टेक प्रोफेशनल कन्नन Oracle India के ऑपरेशंस हेड के तौर पर काम करते थे, लेकिन एक दिन अचानक उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया और अपने गांव लौट गए। सबको लगा कि उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया है। कन्नन का ये फैसला उनके परिवार वालों और दोस्तों के लिए काफी हैरान करने वाला था। एक बड़ी सी कंपनी में, अच्छी पोजिशन, अच्छी सैलरी और एक बसी बसाई आराम की जिंदगी को कोई अचानक क्यों छोड़ेगा। कोई तो वजह होगी। वजह थी, कन्नन का खुद के लिए कुछ करने का सपना। सपना भी ऐसा, जिसने सुना मजाक बनाया, लेकिन कन्नन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। यही सपना आंखों में संजोए कन्नन अपने घर करूर लौट गए, जो कि तमिलनाडु के एक छोटा सा गांव है। यहीं पर उन्होंने अपने सपनों की बुनियाद रखने का फैसला किया।

'लोगों को लगा मैं पागल हो गया हूं'

अपने X पोस्ट में कन्नन बताते हैं कि 2019 में अपनी एक सिक्योर जॉब छोड़ने के उनके फैसले पर लोगों को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने लिखा, 'सबने मुझसे कहा कि मेरा रूटीन एकदम सही है, एक कॉर्पोरेट नौकरी, अच्छी तनख्वाह और एक सेटल्ड फैमिली लाइफ। लेकिन मुझे पता था कि मैं अपना कुछ बनाना चाहता हूं, इसलिए मैंने नौकरी छोड़ दी और करूर वापस जाकर फालूदा आइसक्रीम की दुकान खोली। लोगों को लगा कि मैं पागल हो गया हूं।'

छोटे से आउटलेट को ब्रैंड बनाया

कन्नन ने करूर में एक छोटा सा आउटलेट खोला और अपना बिजनेस शुरू कर दिया, जो कि जल्द ही द फालूदा शॉप (The Falooda Shop) में तब्दील हो गया। एक ऐसा ब्रैंड जिसके आज भारत और दुबई जैसे देशों में 18 से ज्यादा आउटलेट मौजूद हैं। कन्नन अपनी कहानी एक लाइन में कुछ यूं बताते हैं कि उनका सफर "छोटे शहरों के सपने → एसी ऑफिस → फ्रैंचाइज़ी किचन → ग्लोबल शेल्फ" से शुरू हुआ, जो एक कॉर्पोरेट प्रोफेशनल से एक ग्लोबल आंत्रप्रेन्योर बनने के उनके बदलाव को दर्शाता है।

D2C आइसक्रीम ब्रैंड बनाने की दिशा में कर रहे काम

कन्नन अपने इस सफर को 'Comfort to conviction' के रूप में बताते हैं। जहां उन्होंने तर्क को न चुनकर अपने जुनून को तवज्जो दी। कन्नन कहते हैं, "आज मैं भारत का अगला महत्वाकांक्षी D2C आइसक्रीम ब्रैंड बनाने की दिशा में खुले दिल से काम कर रहा हूं।" वो आगे कहते हैं कि इंटरनेशनल मार्केट्स में विस्तार तो बस शुरुआत है।

हर सफल इंसान का रास्ता संघर्ष से होकर गुजरता है

इसलिए अगर आपके पास भी विजन है, उसको पूरा करने का जुनून है, तो ये मत देखो कि दुनिया क्या कहेगी। कन्नन की तरह उसको पूरा करने में जुट जाओ। दुनिया के हर सफल इंसान का रास्ता संघर्ष की उबड़-खाबड़ गलियों से ही गुजरता है।