इस रेस में SpiceJet के अजय सिंह को पीछे छोड़ दिया। इसी के साथ अब Tata Sons के पास देश में तीन एयरलाइंस होंगी। बता दें कि 68 साल के बाद एयर इंडिया वापस टाटा संस के पास लौट आई है।
शुक्रवार को DIPAM सचिव तुहीन कांत पांडेय और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के सचिव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टाटा सन्स ने एयर इंडिया के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है। यह भी पढ़ेँ:
Air India अभी Tata Sons की नहीं हुई, जानिए सरकार ने क्या दी सफाई एयर इंडिया के लिए टाटा सन्स ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई जबकि स्पाइसजेट के अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई है। माना जा रहा है कि यह ट्रांजैक्शन दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा।
65 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज
तुहीन कांत पांडेय ने बताया कि एयर इंडिया पर कुछ कर्ज 46, 262 करोड़ रुपए का है। यह आंकड़ा मार्च 2021 तक का है। अगस्त के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 65,562 करोड़ पर पहुंच गया है।
बीते सप्ताह भी ये खबर आई थी कि एअर इंडिया 68 साल बाद वापस Tata Group के पास लौट सकती है, लेकिन DIPAM के सचिव की ओर से आधिकारिक ट्वीट में इस खबर का खंडन किया गया था।
हालांकि इसेक बाद में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दुबई में एक कान्फ्रेंस में उचित समय आने पर एअर इंडिया के नए मालिक का नाम घोषित करने की बात कही थी। Air India का नया मालिक चुनने के लिए अंतिम बोलियां लगाई जा चुकी हैं और सरकार इनका मूल्यांकन कर रही है।
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RBI की तरफ से ऑनलाइन लेन-देन करने वालों को बड़ी सौगात, IMPS की प्रतिदिन लिमिट बढ़ाई जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने Air India की शुरुआत 1932 में की थी। उन्होंने Tata Airlines के रूप में इसे शुरू किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब Air India को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया।
वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और सरकार ने Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई।