7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UPI ने बनाया रिकॉर्ड, जून में 5 लाख करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ

लॉकडाउन हटने के बाद आर्थिक व्यवस्था लौटने लगी पटरी पर, डिजिटल पेमेंट बना लोगों की पहली पसंद

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Jul 03, 2021

upi2.png

नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान डिजिटल पेमेंट में इजाफा हुआ है। लोकप्रिय डिजिटल भुगतान मोड यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। इसके जरिए जून में 5,47,373 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है, जो अभी तक का उच्चतम स्तर है।

यह भी पढ़ें : Paytm Cashback Offer: हर लेनदेन पर गारंटीड कैशबैक, जानिए कैसे मिलेगा इसका फायदा

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार, यूपीआई के जरिए हुए लेन-देन में मूल्य और मात्रा दोनों शर्तों में ही 10 से 11 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। इससे पहले यूपीआई के जरिए मई के लिए 2.53 बिलियन लेन-देन किए गए, जो मार्च 2021 के 2.73 बिलियन से कम था। मूल्य के लिहाज से मई के लिए यूपीआई का लेन-देन 4.93 लाख करोड़ रुपए रहा है।

यह भी पढ़ें : Aadhaar Card में इस आसान तरीके से बदले अपना मोबाइल नंबर

भुगतान में इजाफा
जून के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने से इसमें तेजी से इजाफा हुआ है। भारत बिल भुगतान प्रणाली, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली और तत्काल भुगतान सेवा सहित अन्य भुगतान के तरीकों में भी जून में वृद्धि हुई है।

यह भी पढ़ें : कोरोना के बावजूद बढ़ रही देश की अर्थव्यवस्था, 7 लाख करोड़ का रिकॉर्ड एक्सपोर्ट: पीयूष गोयल

अप्रैल-मई में आई थी गिरावट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार वर्ष 2020-21 में आरटीजीएस प्रणाली में लेन-देन में कमी के कारण डिजिटल भुगतान में मूल्य के संदर्भ में 13.4 फीसदी की गिरावट देखी गई थी। अप्रैल-मई में यूपीआई के संदर्भ में भी 2.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।

जीडीपी में उछाल से सकारात्मक संकेत
आईसीआरए के सेक्टर प्रमुख उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 के दौरान कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों के कारण व्यावसायिक गतिविधियों में मंदी थी। इसके चलते कुल डिजिटल भुगतान में कई तिमाहियों में गिरावट देखने को मिली। हालांकि इस वर्ष आर्थिक गतिविधियों के दुबारा पटरी पर लौटने और जीडीपी में फिर से आए उछाल से इस वित्तीय वर्ष में डिजिटल भुगतान में वृद्धि होने की संभावना है।