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Gold Loan क्या है, कैसे करता है यह काम? जानिए इसके खास फायदे

गोल्ड लोन एक सिक्योर लोन होता है। इसलिए इसमें ब्याज दर दूसरे लोन्स की तुलना में कम होती है। इस लोन में डिसबर्समेंट भी काफी जल्दी हो जाता है।

गोल्ड लोन

भारत के लोगों में सोने को लेकर सेंटीमेंट काफी अलग हैं। यहां सोना कल्चर और आस्था से जुड़ा हुआ है। शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों में हर किसी को सोना खरीदना पड़ जाता है। अक्षय तृतीया और धनतेरस जैसे दिन गोल्ड खरीदने के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। बड़े लोगों से आपने यह जरूर सुना होगा कि अगर घर में सोना रखा हो, तो चैन की नींद सोया जा सकता है। आपको बड़ी रकम की अचानक जरूरत पड़ जाए और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं हो, तो आप गोल्ड लोन भी ले सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

गोल्ड लोन क्या है?

गोल्ड लोन बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिया जाने वाला एक सिक्योर्ड लोन है। यह लोन गोल्ड बार, सोने के सिक्के या गहनों द्वारा सिक्योर रहता है। यानी इन वस्तुओं को गिरवी रखने पर यह लोन मिलता है। जब ग्राहक मूलधन और ब्याज चुका देता है, तो यह सोना उसे वापस कर दिया जाता है।

गोल्ड लोन कैसे काम करता है?

लोन एप्लीकेशन : आपको अपना सोना लेकर किसी बैंक या एनबीएफसी में जाना होगा। वहां कर्जदाता आपके सोने का वजन करेगा और उसकी प्योरिटी चेक करेगा।

गोल्ड वैल्यू : कर्जदाता आपके सोने की वैल्यू निकालने के लिए गोल्ड की मौजूदा मार्केट रेट यूज करेगा। बता दें कि बैंक और एनबीएफसी 18 से 24 कैरेट वाला गोल्ड ही एक्सेप्ट करते हैं।

लोन अमाउंट डिसबर्समेंट : बैंक और एनबीएफसी आमतौर पर गोल्ड वैल्यू के 75 फीसदी तक की रकम का लोन ही अप्रूव करते हैं। आपके गोल्ड की वैल्यू और एप्लीकेशन में मांगे गए कर्ज के हिसाब से आपका लोन अमाउंट डिसबर्स हो जाएगा।

रिपेमेंट ऑप्शंस : ग्राहक बुलेट रिपेमेंट ऑप्शंस और ईएमआई जैसे विकल्प चुन सकता है। ग्राहक चाहे तो ब्याज का भुगतान पहले कर सकता है और मूलधन लोन टर्म के आखिर में चुका सकता है।

सोने की वापसी : जब आप अपना लोन पूरी तरह चुका देंगे तो आपका गोल्ड उसी कंडीशन में वापस कर दिया जाएगा।

गोल्ड लोन के फायदे


  1. इसमें डिसबर्समेंट फास्ट होता है। यानी पैसा जल्दी मिल जाता है। यहां तक की बैंक सिर्फ 10 मिनट में पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर देगा।

2. इस लोन में गोल्ड कोलेटरल के रूप में यूज होता है। इसलिए आपको इनकम प्रूफ लाने की जरूरत नहीं है।

3. इसकी अवधि फ्लेक्सिबल होती है। यह 3 से 36 महीने के बीच हो सकती है।

4. यहां अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में ब्याज दर कम होती है।

5. अगर आप डिफॉल्ट न हों, तो इस लोन से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी फर्क नहीं पड़ता।