
पर्सनल लोन सबसे अधिक ब्याज दर वाला लोन है।
पर्सनल लोन लेना आजकल आम बात हो गई है। बैंक आसानी से ग्राहकों को पर्सनल लोन ऑफर कर देते हैं। अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और आपकी सैलरी एवरेज भी है, तो भी बैंक से आपको इंस्टेंट पर्सनल लोन का ऑफर मिल जाएगा। आपको सिर्फ एक क्लिक करना होगा और पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। पर्सनल लोन सबसे अधिक ब्याज दर वाला लोन होता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको इस समय पर्सनल लोन पर न्यूनतम 9.99 फीसदी सालाना ब्याज दर ऑफर हो सकती है। रिस्की ग्राहकों के लिए पर्सलन लोन की यह ब्याज दर 20% या इससे ऊपर भी जा सकती है।
कोई मेडिकल इमरजेंसी आ गई है और आपके पास किसी दूसरी जगह से तुरंत पैसा नहीं आ सकता, तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं।
आपके घर की छत टपक रही है। आपको घर की मरम्मत करवाने की अर्जेंट नीड है, तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं। हालांकि, यह तब ही लें, जब आपको ब्याज दर कम ऑफर हो रही हो। आप इसकी जगह कंस्ट्रक्शन लोन भी ले सकते हैं।
आपको अचानक किसी काम के लिए पैसों की जरूरत पड़ गई है और आप EMI का भुगतान करने में पूरी तरह समर्थ हैं, तो पर्सनल लोन ले सकते हैं।
अगर आप पर्सनल लोन मे लंबी अवधि चुनते हैं, तो आपकी मंथली ईएमआई कम कीमत की बनेगी। हालांकि, आपको ब्याज अधिक चुकाना पड़ जाएगा।
ध्यान रखें कि पर्सनल लोन काफी अधिक ब्याज दर के साथ आता है। इसलिए जब कहीं से भी पैसों का इंतजाम नहीं हो, तब ही पर्सनल लोन खरीदें। आजकल लोग गैजेट्स खरीदने, घूमने जाने, शॉपिंग करने और शादी जैसे लाइफस्टाइल खर्चों के लिए भी पर्सनल लोन ले लेते हैं। यह सही नहीं है। पर्सनल लोन प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्जेज और प्री-पेमेंट पेनल्टीज के साथ आता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो आपको पर्सनल लोन पर काफी अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पर्सनल लोन सबसे अधिक ब्याज दर के साथ आते हैं। इसलिए यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। जहां तक हो सके यह कर्ज लेने से बचना चाहिए। इमरजेंसी के समय पर्सनल लोन से मदद मिलती है। लेकिन सही तो यह है कि व्यक्ति के पास इमरजेंसी के लिए एक इमरजेंसी फंड होना चाहिए। आप पर्सनल लोन ले भी रहे हैं, तो एग्रीमेंट को बहुत अच्छे से पढ़ लें।
क्रेडिट स्कोर: अगर आपका क्रेडिट स्कोर 720 या इससे अधिक है, तो आपको पर्सनल लोन पर कम ब्याज दर मिल सकती है। आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो पहले उसे बेहतर कर लें।
इनकम स्टेबिलिटी: अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं या टैक्स भरते हैं, तो आपको आसानी से पर्सनल लोन मिल सकता है। अगर आपका कोई स्थायी इनकम सोर्स नहीं है, तो आपको पर्सनल लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है।
डेट टू इनकम रेश्यो: अगर आपके सभी कर्जों की कुल EMI आपके सैलरी के 50 फीसदी से ऊपर निकल रही है, तो आपको नया लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है। अगर आपको नया लोन चाहिए, तो पहले पुराने लोन्स को चुका दें।
रिपेमेंट नियम: अगर आप लोन अवधि पूरे होने से पहले पूरा लोन चुकाना चाहते हैं, तो इस पर कुछ बैंक पेनल्टी लेते हैं। लोन लेते समय इन पेनल्टीज के बारे में जान लें।
प्रोसेसिंग फीस: जब आप पर्सनल लोन लेते हैं, तो बैंक आपसे प्रोसेसिंग फीस भी वसूलता है। यह प्रोसेसिंग फीस लोन अमाउंट के 1 फीसदी से 3 फीसदी तक हो सकती है।
Published on:
28 Jun 2025 03:35 pm
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