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भीषण गर्मी के बीच फल-सब्जी हुए महंगे, अप्रैल में इतनी ज्यादा बढ़ी महंगाई

Wholesale Inflation: बढ़ते तापमान का असर फल और सब्जियों के दामों पर भी पड़ा है। अप्रैल में इस वर्ष WPI आंकड़ों के अनुसार उच्चतम महंगाई रिकार्ड की गई है। पिछले वर्ष इस महीने में थोक महंगाई 10.8 फीसदी रही थी।

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Mahima Pandey

May 17, 2022

Wholesale inflation WPI increased to record high in April

Wholesale inflation WPI increased to record high in April

गर्मी से लोग पहले ही बेहाल है और अब इस बढ़ते तापमान का असर सीधा उनकी जेब पर पड़ा है। बढ़ते तापमान ने फलों और सब्जियों जैसी वाली वस्तुओं की कीमतों पर असर डाला है। नवीनतम WPI आंकड़ों के अनुसार, महीने दर महीने सब्जियों और फलों की कीमतों में वृद्धि हुई है। अप्रैल में थोक महंगाई दर 9 साल के ऊपरी स्तर के साथ 15.08% पर पहुंच गई। पिछले साल यही आंकड़ा अप्रैल में 10.74 फीसदी रहा था।

महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर
WPI के आँकड़े के अनुसार, अप्रैल 2022 में देश में थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर 15.08 फीसदी पर पहुँच गई थी। इससे पहले मार्च 2022 में ये आंकड़ा 14.55 फीसदी रहा। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के अनुसार, "पिछले वर्ष के अप्रैल की तुलना में अप्रैल 2022 में बढ़ी हुई महंगाई दर मुख्य रूप से खनिज तेल, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों और रसायनों और रासायनिक उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के कारण थी"

गर्मी की वजह से आई कीमतों में उछाल
ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, "गर्मी की वजह से फलों, सब्जियों और दूध जैसे जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतों में उछाल आया है, जिससे चाय की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ प्राइमेरी फूड इन्फ्लेशन भी बढ़ा है।" अदिति नायर ने आगे कहा कि मई में थोक WPI इन्फ्लेशन 15% से नीचे आ सकता है।

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फूड इन्फ्लेशन
आंकड़ों के अनुसार, कुल फूड इन्फ्लेशन मार्च 2022 में 8.71 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल 2022 में 8.88 प्रतिशत हो गई। इस दौरान इस दौरान सब्जियों, गेहूं, फल और आलू की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली। वहीं, अप्रैल 2022 में कच्चे तेल और नैचुरल गैस की महंगाई 69.07 फीसदी थी।

यही नहीं राज्य की गिरती खरीद के बीच सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने के बावजूद खुदरा खाद्य कीमतों में भी वृद्धि हुई है। अप्रैल महीने में रिटेल महंगाई आठ साल के उच्च स्तर 7.8 फीसदी पर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपूर्ति की कमी के कारण खाद्य तेल और गेहूं की कीमतों में तेजी आई।

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आरबीआई ने भी उठाए कदम

बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने केब लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रपो 0.40 रेट मेंफीसदी की बढ़ोतरी की थी जिससे रेपो रेट 4.40 फीसदी हो गई है।