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PPF निवेशकों के लिए आज बड़ा दिन, सरकार ने दिखाई सख्ती, तो 49 साल में सबसे कम हो जाएगी ब्याज दर!

Small savings interest rate revision: पहले के मुकाबले पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर मिलने वाला ब्याज कम रहा है। अगर सरकार ब्याज दरों में कटौती का निर्णय लेती है, तो यह निवेशकों के लिए बड़ा झटका होगा।

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Public Provident Fund interest rate

सरकार आज ब्याज दरों पर कोई फैसला ले सकती है। (PC:AI)

PPF interest rate news: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सहित स्मॉल सेविंग स्कीम्स को लेकर आज बड़ी खबर सामने आ सकती है। छोटी बचत योजनाओं पर मिलने ब्याज को लेकर आज यानी 31 दिसंबर को समीक्षा बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में तय होगा की ब्याज दरों में कोई बदलाव किया जाएगा या नहीं। PPF पर मिलने वाला ब्याज पिछले कुछ सालों की तुलना में कम है। ऐसे में अगर इस पर फिर से कैंची चलाई जाती है, तो इसके प्रति निवेशकों का आकर्षण कम हो सकता है।

कब, कितना मिला ब्याज

पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज में तेजी का दौर सही मायनों में 1974-75 से शुरू हुआ। इस दौरान PPF में निवेश पर 7% की दर से ब्याज मिलता था। 1982-83 में इसे बढ़ाकर 8.5% किया गया। 1984-85 में यह 9 प्रतिशत हुआ और फिर रफ्तार तेजी हो गई। 1998-99 में सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज को बढ़ाकर सीधे 12% कर दिया। 1999-2000 में भी यह 12% रहा। लेकिन इसके बाद यह नीचे आता गया। 2012-13 में सरकार PPF ब्याज दरों को 8.8 प्रतिशत पर लेकर आई। मौजूद वक्त में इस पर 7.1 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा है। साल 1974-75 में ब्याज दरें 7% थीं। अगर इस बार सरकार ब्याज दर में कमी करती है, तो 2026 में यह 49 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी।

कैसे तय होती हैं दरें?

सरकार हर तिमाही ब्याज दरों की समीक्षा करती है। पिछले काफी समय से सरकार ने इन्हें अपरिवर्तित रखा है। सरकार PPF सहित स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दर तय करने के लिए जो फॉर्मूला इस्तेमाल करती है, वो 10-साल के गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ (G-Sec) बॉन्ड यील्ड और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित होता है।

क्या है अनुमान

जानकारों का मानना है कि सरकार स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर मिलने वाले ब्याज को कम कर सकती है। ET के अनुसार, प्राइम वेल्थ फिनसर्व के को-फाउंडर और डायरेक्टर वी. चक्रवर्ती का कहना है कि मौजूदा इंडिकेटर रेट कट के संकेत दे रहे हैं, लेकिन सरकार इसके खिलाफ जाकर ब्याज दरों को यथावत भी रख सकती है। उन्होंने बताया कि 2025 की आखिरी तिमाही में अधिकांश समय 10 साल के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 6.5-6.6% के आसपास रही है। PPF रेट फिलहाल 7.1% है, जिसका मतलब है कि सरकार बॉन्ड मार्केट से जितनी रकम उधार लेती है, उससे लगभग 50-60 बेसिस पॉइंट अधिक दे रही है।

आंकड़े दे रहे गवाही

चक्रवर्ती ने कहा कि पहले इस तरह के गैप ज्यादा समय तक नहीं रहे हैं। 2017 और 2020 के बीच, जब 10-साल की यील्ड 6.8–7.0% के करीब थी, तो सरकार ने धीरे-धीरे PPF रेट 7.9% से घटाकर 7.1% कर दिए। डेटा के लिहाज से देखें तो PPF इंटरेस्ट रेट में कटौती संभव है। हालांकि, पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।