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केंद्र सरकार में ट्रांसफर होने पर ग्रेच्युटी मिलेगी या नहीं? कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति

केंद्र सरकार ने Central Civil Services (Payment of Gratuity under National Pension System) Rules, 2021 अधिसूचित किए हैं।

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भारत

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Ashish Deep

Sep 02, 2025

ग्रेच्युटी 4 साल 9 माह की सेवा पर मिलती है। (फोटो सोर्स : फ्री पिक)

केंद्र सरकार के विभागों में बाहर से ट्रांसफर होकर आने वाले कर्मचारियों में ग्रेच्युटी को लेकर असमंजस की स्थिति है। जी हां, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत काम करने वाले ऐसे कर्मचारी, जो स्वायत्त निकायों से इस्तीफा देकर केंद्र सरकार में आते हैं, उनके लिए केंद्र सरकार के ग्रेच्युटी नियम स्वतः लागू नहीं होते। सरकार ने इसे लेकर सफाई दी है।

स्वायत्त निकायों पर नियम लागू नहीं होते

राज्यसभा में सांसद सुमित्रा बाल्मिक के प्रश्न पर कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने Central Civil Services (Payment of Gratuity under National Pension System) Rules, 2021 अधिसूचित किए हैं। लेकिन ये नियम स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों पर सीधे लागू नहीं होते।

निकाय ग्रेच्युटी देगा तभी केंद्र में भी मिलेगी

डॉ. सिंह ने कहा कि विभाग ने 12 फरवरी 2020 के आदेश में स्पष्ट किया था कि अगर कोई कर्मचारी स्वायत्त निकाय से NPS व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार में आता है और उसने सही प्रक्रिया से इस्तीफा दिया है तो उसकी पिछली सेवा को केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी के लिए जोड़ा जा सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब संबंधित स्वायत्त निकाय अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार जैसी ग्रेच्युटी सुविधा देता हो।

नियम नहीं तो कर्मचारी का होता है नुकसान

मंत्री ने बताया कि स्वायत्त निकाय से केंद्र में आने वाले कर्मचारी को पिछली सेवा की ग्रेच्युटी मिलेगी या नहीं या देर होने पर ब्याज कैसे मिलेगा, यह सब उस विशेष स्वायत्त निकाय के नियमों पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार के पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) के नियम इन संस्थाओं पर अपने आप लागू नहीं होते।

4 वर्ष 9 माह की सेवा पर ग्रेच्युटी

मंत्री ने कहा कि 4 वर्ष 9 माह की सेवा पर ग्रेच्युटी मिलती है। इस अवधि को ग्रेच्युटी के लिए गिना जाएगा या नहीं, यह भी संबंधित स्वायत्त निकाय के नियमों या न्यायिक फैसलों पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार ने इस पर कोई एक समान नियम लागू नहीं किया है।

एकसमान व्यवस्था बनाने की जरूरत

सरकार की इस टिप्पणी से साफ है कि स्वायत्त निकाय से केंद्र सरकार में आने वाले कर्मचारियों को अपनी ग्रेच्युटी संबंधी दावेदारी के लिए उस निकाय के नियमों पर ही निर्भर रहना होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे अलग-अलग निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को तरह-तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है और एक समान नीति की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है।