चूंकि इन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिलना आसान नहीं था क्योंकि भारत के मोटर वाहन अधिनियम में डबल अपंग को डीएल प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन इनकी अपील के चलते ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अधिनियम में बदलाव किया गया। बता दें, उन्होंने ट्वीट ड्राइविंग इंटरनेट पर वीडियो देख सीखी हैं, क्योंकि कोई भी स्कूल उन्हें सिखाने के लिए तैयार नहीं था। आनंद महिंद्रा ने कहा कि “यह एक सम्मान और सौभाग्य की बात होगी कि यह आदमी हमारी कारों को चलाए।” विक्रम, मैं आपको नमन करता हूं। आप वही हैं जिसे हम राइज़ स्टोरी कहते हैं। हमें कृतज्ञता के साथ जीवन को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद…”
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हालांकि विक्रम अग्निहोत्री ने आनदं महिंद्रा के ट्वीट का जवाब दिया कि “मैं दुनिया के टॉप पर उत्साहित हूं। यह मान्यता की शक्ति है। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने वाले लाखों विकलांगों के लिए आवश्यक प्रेरणा प्रदान करने के लिए श्री महिंद्रा सर को धन्यवाद। हम सभी को एक मित्र की आवश्यकता होती है जो कहता है, “अच्छा काम।” इनके पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोागें ने जमकर विक्रम की तारीफ की। कुछ ने तारीफ की तो कुछ कहते नजर आए कि भारत में कार मालिक और निर्माता अपनी सामाजिक जवाबदेही कब महसूस करेंगे? कंपनी विकलांग लोगों के लिए मॉडिफाइड कार नहीं बनाती है। हम मजबूर हैं अपना जुगाड़ ढूढ़ने को। #RiseUp गैर-विकलांग लोगों !!”