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सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले इन तरीकों से जान सकते हैं कितना चली है कार

यूज्ड कार बेचते समय लोग बाकी सभी बातें तो सही बताते हैं लेकिन अक्सर ये देखा गया है कि कार कितने किमी चली है इसके बारे में झूठ बोलते हैं।

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किलोमीटर कम करके कोई बेच रहा है सेकेंड हैंड कार तो ऐसे करें पहचान, कभी नहीं खाएंगे धोखा

नई दिल्ली: यूज्ड कार का मार्केट काफी बढ़ गया है, वैसे तो यूज्ड कार खरीदने में कोई बुराई नहीं बशर्ते आपको कार के बारे में सही इंफार्मेशन दी गई हो। यूज्ड कार बेचते समय लोग बाकी सभी बातें तो सही बताते हैं लेकिन अक्सर ये देखा गया है कि कार कितने किमी चली है इसके बारे में झूठ बोल देते हैं, ताकि उन्हें कार की सही कीमत मिल सके। इसीलिए आज हम आपको एक ऐसी ट्रिक बताएंगे कि आप चंद मिनटों में जान जाएंगे कि कार के किलोमीटरों के साथ छेड़ छाड़ हुई है यानि कार के odometer के साथ छेड़छाड़ कर दूरी को कम दिखाया जा रहा है।

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ऐसे पहचानें analog odometer के साथ हुई छेड़छाड़-

analog odometers के साथ छेड़छाड़ करना आसान था । वर्कशॉप में स्पीडोमीटर को हटाकर डिजिट्स को अपने हिसाब से सेट कर दिया जाता था। ये तरीका आसान भले हो लेकिन इसका पता भी उतनी ही आसानी से चल जाता है। अगर आपकी कार में भी analog odometer है तो गौर से देखियेगा क्योंकि इसके जिजिट्स का अलाइनमेंट बिगड़ जाता है और वो एकदम परफेक्टली सीधे नहीं होते। वैसे ये काम इतना भी आसान नहीं होता इसका पता सिर्फ तभी चलता है जब कार को लंबी दूरी तक चलाया जाए, क्योंकि उसके बाद स्पीडोमीटर के डिजिट्स अपनी जगह पर आ जाते हैं।

digital odometers-
digital odometers के साथ टेम्परिंग के लिए लोग डायरेक्टली केबल को हटा देते हैं जिससे कि कार को कितना भी ड्राइव करो स्पीडोमीटर पर रजिस्टर नहीं होता। ऐसी टेम्परिंग को जानने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि सर्विस स्टेशन से सर्विस हिस्ट्री पता करना। अगर कार का मालिक आसानी से नहीं दे रहा तो खुद सर्विस स्टेशन के नंबर के लिए कार की अच्छे से पड़ताल करें।

इसके अलावा कार की wheel, brake, clutch pedal, गियर नॉब, सीट कुशन्स की हालत आपको ये बताने के लिए काफी है कि कार कितनी पुरानी है। इस तरह से आपको पता चल जडाएगा कि कार खरीदने लायक है या नहीं।