
नई दिल्ली: आजकल कार और बाइक खरीदने के बाद उसे कस्टमाइज कराने का ट्रेंड जोरो पर है लेकिन बिना नियमों की जानकारी के ऐसा कराना आपको भारी पड़ सकता है। दरअसल कार या बाइक को मोडिफाइ कराने पर आपको अपना रजिस्ट्रेशन रद्द कराना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपनी बाइक के साथ कोई ‘छेड़छाड़’ की तो, यह भारी साबित होगा।
मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों के मुताबिक व्हीकल के बेसिक स्ट्रक्चर से ‘छेड़छाड़’ कानून का उल्लंघन है। यह नियम कार, बाइक, बस और ट्रक जैसे सभी वाहनों पर लागू होता है। और ऐसा करने पर कार या बाइक का रजिस्ट्रेशन तक रद्द हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर किसी वाहन के साथ कोई मॉडिफिकेशन कराया तो, वाहन का रजिस्ट्रेशन तक रद्द हो सकता है।
क्या कहता है नियम-
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52(1) के मुताबिक मैनुफैक्चरर की तरफ से दी जाने वाली ऑरिजनल स्पेसीफिकेशन को बनाए रखना जरूरी है। नियम के तहत कार या बाइक में एक्सटीरियर या इंजन के साथ किसी प्रकार का मॉडिफिकेशन गैर कानूनी है।
दूसरी बात ये है कि नियम के मुताबिक गाड़ी के रंग में छोटे-मोटे बदलाव या छोटे-मोटे फिटमेंट तो अलग से करा सकते हैं। लेकिन बॉडी या चैसिस के साथ कोई स्ट्रक्चरल बदलाव या फिर सीएनजी, सोलर पॉवर या एलपीजी और बैटरी, पर वाहन चलाना या फिर किसी प्रकार की कनवर्जन किट लगाना नियम के खिलाफ है। और इसके लिए आरटीओ की परमिशन लेनी जरूरी है, ऐसा न करने पर रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है।
Updated on:
05 Aug 2019 05:14 pm
Published on:
05 Aug 2019 05:11 pm
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