होंडा लीजेंड में लेवल 3 ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी दी गई है।
टेस्ला ईवी की तुलना में रीयल वर्ल्ड सिचुएशंस में बेहतरीन रिस्पॉन्स।
कंपनी ने फिलहाल 100 कारों को ही लीज के आधार पर पेश किया।
Honda launches world’s most advanced self-drive car Legend in this country
नई दिल्ली। होंडा ने जापान में दुनिया की सबसे एडवांस्ड सेल्फ-ड्राइविंग कार लॉन्च कर दी है। कंपनी ने देश की सड़कों पर उतारने के लिए 100 कारों के शुरुआती बैच को पेश किया है। होंडा की लीजेंड नामक सेल्फ-ड्राइव कार लेवल 3 ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक से लैस है और गलियों में गुजरने और लेन बदलने के दौरान एडैप्टिव ड्राइविंग मैनेज कर सकती है।
Must Read: कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना लेवल 3 ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी होंडा लीजेंड को दुनिया की सबसे एडवांस्ड सेल्फ-ड्राइव व्हीकल बनाती है। व्हीकल ऑटोनॉमी को शून्य से पांच के बीच एक पैमाने पर रेट किया जाता है, जिसमें पांच अनिवार्य रूप से फुल ऑटोनॉमस ड्राइव क्षमता का संकेत देता हैं। भविष्य में आने वाले लेवल 5 ऑटोनॉमस वाहनों में ड्राइवरों के लिए कोई स्टीयरिंग या कंट्रोल नहीं होगा।
होंडा लीजेंड की 100 कारों के छोटे से बैच को लाने के पीछे का विचार यह है कि पता चल सके कि देश में खरीदार ऑटोनॉमस व्हीकल को लेकर कैसा अनुभव करते हैं, वह भी ऐसे वक्त में जब जापान वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों में ऐसे वाहनों की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहा है।
ऑटोनॉमस व्हीकल में अंदर बैठे व्यक्ति को हर समय चौकन्ना रहना जरूरी है और इस तरह होंडा लीजेंड को एक आपातकालीन स्टॉप फ़ंक्शन मिलता है। यदि ड्राइवर हैंडओवर चेतावनियों का जवाब नहीं देता है, तो यह फ़ंक्शन ऑटो एक्टिव हो जाता है।
होंडा लीजेंड को अपने दम पर यानी स्वतः चलाने की अनुमति देने की वजह इसमें लगा होंडा का ट्रैफिक जैम पायलट और होंडा सेंसिंग एलीट सिस्टम है, जो अनिवार्य रूप से वास्तविक दुनिया की स्थितियों पर नजर रखनेे में मदद करते हैं। यह दावा किया गया है कि कार की ऑटोनॉमस कैपेबिलिटीज टेस्ला मॉडल में देखी गई सुविधाओं की तुलना में अधिक एडवांस हैं।
कंपनी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “सिस्टम डेवलपमेंट के दौरान संभावित वास्तविक दुनिया की स्थितियों (पॉसिबिल रीयल वर्ल्ड सिचुएशंस) के लगभग 1 करोड़ पैटर्न को सिमुलेट किया गया था, और लगभग 13 लाख किलोमीटर के लिए एक्सप्रेसवे पर रीयल-वर्ल्ड प्रदर्शन परीक्षण किए गए थे।