
कहीं आपको भी मीटर कम करके तो नहीं बेची जा रही कार, इन तरीकों से धोखे से बचें
नई दिल्ली: आजकल यूज्ड कार बाजार काफी बढ़ गया है। दरअसल कार के शौकीन लोग खुद को अपडेट रखने के लिए कुछ ही महीनों में कार बदल देते हैं । ऐसे में सस्ती कीमत पर अच्छी-अच्छी कारें मिल जाती हैं, लेकिन पुरानी कार खरीदना आसान काम नहीं होता क्योंकि लोग अच्छी कीमत पाने के लिए कई बार कार की कमियों को छुपाने की कोशिश करते हैं। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें लोगों ने केवल 40 हजार किलोमीटर चली सेकंड़ हैंड कार खरीदी होती है लेकिन कुछ दिनों बाद पता चलता है कि वह इससे कई ज्यादा चल चुकी है। इसीलिए अगर आप भी पुरानी कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो थोड़ा सावधान रहें ताकि कोई आपको चूना न लगा पाए। इसके लिए आपको सिर्फ एक काम करना होगा।
दरअसल कार खरीदने से पहले आपको बॉयर से टेस्ट ड्राइव की परमीशन लेनी होगी और ये टेस्ट ड्राइव कम से कम 60 किमी की होनी चाहिए। अगर कार के अंदर किसी तरह का डिस्कम्फर्ट है या कोई पुर्जा ठीक से काम नहीं कर रहा तो इतनी लंबी ड्राइव में आपको सब पता चल जाएगा।
ऐसे होती है मीटर से छेड़-छाड़-
आजकल सभी कारें डिजिटल ओडोमीटर के साथ आती हैं जिसमें सर्किट बोर्ड के साथ चिप लगी रहती है। इसी चिप में ओडोमीटर की रीडिंग स्टोर रहती है। ऐसे में मैकेनिक या तो बोर्ड में लगी चिप की जगह अपनी रीडिंग चिप लगा देते हैं या फिर OBD2 रीडर्स की मदद से ऑरिजनल चिप में रीडिंग को बदल देते हैं। बता दें OBD2 रीडर्स को कार में लगे OBD2 पोर्ट से कनेक्ट करके ऐसा किया जाता है।
यानि कार द्वारा तय की गई दूरी को कम करके दिखाते हैं, लेकिन जब आप लॉांग ड्राइव पर जाते हैं तो कार के स्पीडोमीटर के डिजिट्स ओरिजनल फार्म में आ जाते हैं और आप जान सकते हैं कि कार के स्पीडोमीटर के साथ छेड़छाड़ हुई थी।
आप भले ही कार के बारे में सबकुछ जानते हों लेकिन खरीदने से पहले एक बार कार को प्रोफेशनल मकैनिक से चेक कराना जरूरी होता है।इसके अलावा कार के सर्विसिंग सेंटर से कार का सही हाल पता कर सकते हैं।
Published on:
09 Feb 2019 04:08 pm
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