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एक्सीडेंट्स को रोकने के लिए आईआईटी मद्रास ने बनाया कमाल का सीट सेंसर, जानें कैसे करेगा काम

आपको बता दें कि ये डॉक्टरों के क्लीनिक में मिलने वाले ईसीजी से बिल्कुल अलग होगा। इन सेंसर्स में इलेक्ट्रोड नहीं होंगे

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एक्सीडेंट्स को रोकने के लिए आईआईटी मद्रास ने बनाया कमाल का सीट सेंसर,

नई दिल्ली: अक्सर देखा जाता है कि लोगों को कार चलाते वक्त नींद आने लगती है और कई बार तो इसकी वजह से खतरनाक एक्सीडेंट हो जाते हैं लेकिन अब इस समस्या का समाधान मिल गया है। दरअसल आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने ऐसा कार सीट सेंसर डेवलेप किया है जो ड्राइवर की ऐक्टिविटीज पर नजर रखेगा। अगर ड्राइवर सुस्त होने लगेगा या उसे नींद आने लगेगी तो यह सेंसर तुरंत अलार्म बजा देगा। इस अलार्म को वेक अप कॉल भी कहा जा सकता है।

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ये सेंसर सीईजीसी यानी कैपेसिटिव इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी के जरिए ड्राइवर के हार्ट की एक्टिविटीज पर नजर रखेगी। यहां आपको बता दें कि ये डॉक्टरों के क्लीनिक में मिलने वाले ईसीजी से बिल्कुल अलग होगा। इन सेंसर्स में इलेक्ट्रोड नहीं होंगे जिसकी वजह से इनको त्वचा में लगाए रखने की कोई जरूरत नहीं होगी। इसकी बजाए सेंसर्स को कार सीट के फैब्रिक के भीतर लगाया जाएगा।

आईआईटी मद्रास में इंजिनियरिंग डिजाइन डिपार्टमेंट के प्रफेसर वेंकटेश बालासुब्रमण्यन के मुताबिक,'दिमाग की हलचल के बारे में जानने के लिए ईसीजी सबसे आसान माध्यम है। किसी इंसान की जागते वक्त की ऐक्टिविटी झपकी लेते वक्त की ऐक्टिविटी से एकदम अलग होती है।'

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आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2018 के बीच 33,026 सड़क हादसे राज्य में हुए। इनमें 6,510 लोगों ने अपनी जान गंवाई तो वहीं 3,044 लोग बुरी तरह घायल हुए।भारत के लिहाज से देखें तो यहां एक वर्ष में यातायात दुर्घटनाओं में तकरीबन 1,50,000 से अधिक मौतें हो जाती हैं।सड़क पर हुए इन हादसों में ड्राइवर का आलस या सुस्ती एक बड़ी वजह के रूप में सामने आई थी।

उम्मीद है कि इस सेंसर के आने के बाद इस तरह की घटनाओं में कमी आएगी।