
Anand Mahindra के बाद अब JLR ने की गाड़ियों पर GST घटाने की मांग, इस शब्द पर भी जताया ऐतराज
नई दिल्ली:मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट ( union budget ) आने वाला है। पूरे देश में बजट को लेकर अलग ही जोश है। आम आदमी ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े उद्योगपति भी बजट की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। मंदी से जूझ रहे ऑटोमोबाइल ( automobile ) सेक्टर को भी आने वाले बजट से कई सारी उम्मीदें हैं और इंडस्ट्री से बार-बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से एक मांग जो लगातार की जा रही है वो है गाड़ियों पर जीएसटी ( GST ) रेट कम करना। SIAM और आनंद महिन्द्रा ( Anand mahindra ) के बाद टाटा मोटर्स ( TATA Motors ) के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर ( JLR ) ने गाड़ियों पर लगने वाले gst को घटाने की मांग की है। इसके अलावा JLR ने लग्जरी कारों को सिन गुड्स ( sin goods ) कैटगरी से हटाने की बात की है। सबसे पहले बात करते हैं टैक्स की -
लग्जरी गाड़ियों पर लगता है सबसे ज्यादा GST -
आपको मालूम हो कि फिलहाल हमारे देश में सबसे अधिक GST ( 28 प्रतिशत ) लग्जरी वाहनों पर लगता है। इसके अलावा सेडान श्रेणी पर 20 प्रतिशत और एसयूवी श्रेणी पर 22 प्रतिशत अतिरिक्त सेस ( CESS ) भी लगता है। इस प्रकार यह क्रमश: 48 और 50 प्रतिशत टैक्स होता है।
गाड़ियों को सिन गुड्स कहना हो बंद-
जगुआर लैंड रोवर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रोहित सूरी का कहना है कि सरकार को लग्जरी कारों को अहितकर सामान यानी सिन गुड्स की कैटेगरी में रखना बंद करना चाहिए। इसके मैन्युफैक्चरर्स भी देश की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही उन्होने इस सेक्टर की ग्रोथ के लिए टैक्स घटाने की मांग की है। सूरी का कहना है कि हम यह समझने में नाकाम हैं कि लग्जरी कारें अहितकर कैसे हो सकती हैं । उन्होने कारों के सिन गुड्स होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं समझ सकता हूं कि ऐसा कुछ जिससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचता हो अहितकार हो सकता है, जैसे कि सिगरेट लेकिन क्या कार चलाने से भी आपके स्वास्थ्य पर फर्क पड़ता है ?
सरकार को ऑटोमोबाइल सेक्टर को रोजगार के एक बड़े सप्लॉयर के तौर पर देखा जाना चाहिए न कि सिन गुड्स
Updated on:
01 Jul 2019 01:35 pm
Published on:
01 Jul 2019 01:31 pm
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