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Manipur Attack: उग्रवादी हमले में चंदौली के चकिया का लाल शहीद, खबर सुनते ही बेसुुध होकर गिरी मां, गांव में छाया सन्नाटा

Manipur Attack: रक्षा सूत्रों ने कहा कि जब सेना-असम राइफल्स दोलाईताबी में गश्त कर रही थी तब आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 18 असम राइफल्स के राव घायल हो गए। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकवादी भागने में सफल रहे।

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Alok Rao of Chandauli martyred in Manipur militant attack

शहीद जवान आलोक राव

Manipur Attack: मणिपुर में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ में अब तक 54 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस हमले में चंदौली के चकिया कोतवाली के रसिया गांव का लाल आलोक राव, जो असम राइफल्स में थे लड़ाई के दौरान सीने में गोली लगने से बुरी तरह से घायल हो गए। उनका कोलकाता में इलाज के दौरान बुधवार को निधन हो गया।

मणिपुर में पिछले दिनों नक्सली मुठभेड़ में घायल चकिया के जवान आलोक राव की बुधवार को इलाज के दौरान जान चली गई। कोलकाता स्थित कमांड अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही परिजनों के साथ गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को लाया जाएगा पार्थिव शव
शहीद का पार्थिव शव गुरुवार को कोलकाता से पोस्टमार्टम के उपरांत बाबतपुर एयरपोर्ट लाया जाएगा। रसिया गांव निवासी विजय कुमार के दो बेटों में बड़े पुत्र अतुल राव सहायक अध्यापक हैं, और छोटे पुत्र आलोक राव असम राइफल्स में तैनात थे। वर्तमान में उनकी तैनाती मणिपुर में थी।

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पिता पीएसी प्रयागराज में तैनात हैं। भरी जवानी में बेटे की शहादत से पिता विजय कुमार टूट गए हैं। तन्हाई में खामोश बैठे हुए हैं। घर पर जब भी बेटे की याद आती है तो उनका ध्यान टूटता है और वो फफक पड़ते हैं। बिना कुछ बोले उनकी डबडबायी आंखें सवाल करती है मेरे बेटे की क्या गलती थी?

प्राथमिक उपचार के लिए मणिपुर आर्मी अस्तपताल में कराया भर्ती
मणिपुर में 10 मई को नक्सलियों से आलोक राव की टीम की मुठभेड़ हुई थी। नक्सलियों से मोर्चा लेते समय सीने में गोली लग गई। जिससे आलोक राव गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए मणिपुर आर्मी अस्तपताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, उनके स्वास्थ्य में सुधार न होने पर कोलकाता स्थित कमांड अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

मां कह रही कहां चला गया मेरा बेटा?
जहां इलाज के दौरान बुधवार को शहीद हो गए। आर्मी की ओर से घरवालों को इसकी सूचना दी गई। शहीद होने की सूचना पर परिजनों में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिवार वालों का का रो रो कर बुरा हाल है। पिता भाई भाभी चुप होने का नाम नहीं ले रहे, वहीं मां बेसुध होकर रो रही हैं और कह रही हैं कि कहां चला गया मेरा बेटा?